युवाओं में हार्ट अटैक के बढ़ते मामले: जानें कारण और लक्षण

हार्ट अटैक के कारण
खेल का मैदान हमेशा से फिटनेस और उत्साह की कहानियों का गवाह रहा है। विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों को फिटनेस के लिए आदर्श माना जाता है, लेकिन कई युवा खिलाड़ियों को उनकी फिटनेस की कमी के कारण टीम से बाहर होना पड़ता है। हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां स्वस्थ दिखने वाले खिलाड़ियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। हाल ही में पंजाब के फिरोजपुर में एक युवक, हरजीत सिंह, क्रिकेट खेलते समय अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो गया और उसकी मृत्यु हो गई। यह घटना यह सवाल उठाती है कि युवा जो फिट दिखते हैं, उन्हें इतनी कम उम्र में हार्ट अटैक क्यों आ रहा है।
विशेषज्ञों की राय
रांची के क्रेनोफेशियल सर्जन, डॉक्टर अनुज कुमार के अनुसार, आजकल कम उम्र के युवाओं में अचानक हार्ट अटैक की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, विशेषकर वे जो बिना किसी लक्षण के होते हैं, जिन्हें 'साइलेंट हार्ट अटैक' कहा जाता है। भारत में युवा मौतों में हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट का स्थान पांचवां है, और इसमें 20 वर्ष या उससे कम उम्र के युवा भी शामिल हैं।
फिट दिखने वाले युवाओं को हार्ट अटैक क्यों?
यदि कोई व्यक्ति स्वस्थ दिखता है लेकिन फिर भी हार्ट अटैक का शिकार होता है, तो इसका मतलब है कि उसकी जीवनशैली में कुछ गड़बड़ है। यह एक आपातकालीन स्थिति है, जिसमें चिकित्सा सहायता की आवश्यकता होती है। कई खिलाड़ी फिट रहने के लिए सप्लीमेंट्स का सेवन करते हैं, जो कभी-कभी हानिकारक हो सकते हैं। हरजीत पेशे से एक कारपेंटर थे और अच्छे क्रिकेटर भी थे, लेकिन उनकी मृत्यु का कारण उनकी जीवनशैली को माना गया।
जीवनशैली का प्रभाव
युवाओं में हार्ट अटैक का मुख्य कारण सेडेंटरी लाइफस्टाइल है। ऐसे लोग जिनकी दिनचर्या में कोई गतिविधि नहीं होती, वे तनाव और नींद की कमी का सामना करते हैं। इसके अलावा, यदि उनका आहार संतुलित नहीं है और वे अधिक वसा वाला भोजन करते हैं, तो यह भी हार्ट अटैक का कारण बन सकता है।
हार्ट अटैक के संकेत
यदि किसी को हार्ट अटैक आने वाला है, तो उसे कुछ समय पहले से इसके संकेत मिल सकते हैं, जैसे कि:
- सीने में दर्द होना।
- सांस लेने में कठिनाई।
- बेचैनी महसूस करना।
- पसीना आना।
- चक्कर आना।
- उल्टी या मतली।
- बाएं हाथ और जबड़े में दर्द।