Newzfatafatlogo

योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा संस्थानों में मान्यता जांच के लिए सख्त निर्देश जारी किए

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की जांच के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। यह कदम छात्रों के हितों की रक्षा और शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से उठाया गया है। एबीवीपी के विरोध प्रदर्शन के बाद यह आदेश दिया गया है, जिसमें विशेष जांच टीमों का गठन किया जाएगा। जांच प्रक्रिया में संस्थानों से शपथ-पत्र और पाठ्यक्रमों की विस्तृत सूची मांगी जाएगी। यदि कोई अनियमितता पाई गई, तो कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
 | 
योगी आदित्यनाथ ने शिक्षा संस्थानों में मान्यता जांच के लिए सख्त निर्देश जारी किए

मुख्यमंत्री का नया आदेश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की लंबे समय से उठाई गई मांगों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों और शैक्षणिक संस्थानों में मान्यता और प्रवेश प्रक्रिया की गहन जांच के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।


छात्रों के हितों की रक्षा

यह आदेश छात्रों के हितों की सुरक्षा, शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता लाने और अवैध पाठ्यक्रमों पर नियंत्रण लगाने के उद्देश्य से जारी किया गया है।


एबीवीपी का विरोध प्रदर्शन

हाल ही में एबीवीपी ने एसआरएमयू में डिग्री मान्यता को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसके बाद पुलिस कार्रवाई के बाद सीएम ने जांच के आदेश दिए थे। अब यह आदेश पूरे प्रदेश में लागू होगा।


विशेष जांच टीमों का गठन

मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, प्रत्येक मंडलायुक्त को अपने मंडल के हर जनपद के लिए अलग-अलग विशेष जांच टीम गठित करने का निर्देश दिया गया है।


जांच प्रक्रिया की रूपरेखा

इन टीमों में एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, एक पुलिस विभाग का अधिकारी और एक शिक्षा विभाग का अधिकारी शामिल होंगे। ये टीमें स्थानीय स्तर पर संस्थानों की बारीकी से जांच करेंगी, ताकि कोई अनियमितता न छूटे।


शपथ-पत्र और दस्तावेज़

जांच की प्रक्रिया को सरल लेकिन कठोर बनाया गया है। सबसे पहले, हर संस्था से शपथ-पत्र लिया जाएगा, जिसमें स्पष्ट घोषणा होगी कि वहां केवल मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम ही संचालित हो रहे हैं।


कोर्सों की विस्तृत सूची

इसके बाद, सभी चल रहे पाठ्यक्रमों की विस्तृत सूची मांगी जाएगी, साथ ही प्रत्येक पाठ्यक्रम के मान्यता-पत्र और स्वीकृति के दस्तावेज भी जमा कराने होंगे।


कठोर दंडात्मक कार्रवाई

टीम यह भी सत्यापित करेगी कि किसी छात्र का प्रवेश बिना मान्यता वाले पाठ्यक्रम में न हुआ हो। यदि कहीं अवैध प्रवेश या बिना स्वीकृति के पाठ्यक्रम पाए गए, तो संस्थान पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।


छात्रों की फीस की वापसी

इसमें जुर्माना लगाना, मान्यता रद्द करना या अन्य सजाएं शामिल हैं। प्रभावित छात्रों से वसूली गई पूरी फीस ब्याज सहित लौटाने की जिम्मेदारी संस्थान की होगी, जिससे छात्रों का आर्थिक नुकसान न हो।


समयबद्धता पर जोर

प्राप्त जानकारी के अनुसार, आदेश में समयबद्धता पर जोर दिया गया है। जांच तुरंत शुरू होनी चाहिए। हर जनपद की रिपोर्ट एकत्र कर 15 दिनों के भीतर मंडलायुक्त शासन को समेकित रिपोर्ट सौंपेंगे।


लापरवाही पर कार्रवाई

मंडलायुक्तों को पूरी जांच प्रक्रिया पर सीधी निगरानी रखने का जिम्मा सौंपा गया है। यदि कहीं लापरवाही या ढिलाई बरती गई, तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।


एबीवीपी का स्वागत

एबीवीपी ने आदेश का स्वागत करते हुए कहा, "यह छात्रों की लंबी लड़ाई की जीत है। सरकार ने शिक्षा के व्यापारीकरण को रोकने के लिए सकारात्मक कदम उठाए हैं।"