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रक्षाबंधन पर स्वदेशी खरीद का आह्वान: मोदी और चौहान का संदेश

रक्षाबंधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वदेशी खरीद को बढ़ावा देने का आह्वान किया। योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि विदेशी कंपनियों के मुनाफे का उपयोग कट्टरपंथी गतिविधियों के लिए हो सकता है। मोदी ने महात्मा गांधी की स्वदेशी भावना का जिक्र करते हुए स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर जोर दिया। अमेरिकी टैरिफ के चलते स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की भावना में तेजी आई है। जानें इस बदलाव के पीछे की सोच और सरकार की आर्थिक रणनीति।
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रक्षाबंधन पर स्वदेशी खरीद का आह्वान: मोदी और चौहान का संदेश

स्वदेशी खरीदने का संकल्प

रक्षाबंधन के अवसर पर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जनता से 'स्वदेशी खरीदो' का आह्वान किया। चौहान ने कहा कि जब हम रक्षा करते हैं, तो हमें देश की रक्षा का संकल्प लेना चाहिए; हमें स्वदेशी उत्पादों को अपनाना चाहिए। इसी दौरान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी कि विदेशी कंपनियों के मुनाफे का उपयोग आतंकवाद, नक्सलवाद, धर्मांतरण और 'लव जिहाद' जैसे कट्टरपंथी प्रयासों के लिए किया जा सकता है।


महात्मा गांधी का संदर्भ

महात्मा गांधी का हवाला

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' में महात्मा गांधी द्वारा प्रोत्साहित स्वदेशी भावना का उल्लेख किया। उन्होंने वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का हवाला देते हुए कहा कि भारत की सच्ची सेवा स्थानीय उत्पादों को प्राथमिकता देने में है। यह उनके 'आत्मनिर्भर भारत' और 'मेक इन इंडिया' जैसे अभियानों का भी उत्तराधिकारी स्वरूप है।


अमेरिकी टैरिफ का प्रभाव

अमेरिकी टैरिफ के बाद बदलाव

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50% तक के भारी टैरिफ लगाने के बाद, देश में स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की भावना में तेजी आई है। यह कदम भारत के रूसी तेल आयात के प्रति अमेरिकी दृष्टिकोण का परिणाम है, लेकिन भारत ने इसे 'अनुचित' करार दिया है और कई देशों का हवाला दिया है जो रूस के साथ व्यापार जारी रखे हुए हैं।


जनता की सोच में बदलाव

सोच में बदलाव

रिटेल से लेकर टेक स्टार्टअप क्षेत्र तक, कई लोग और संगठन जैसे स्वदेशी जागरण मंच, स्वदेशी विकल्पों की रैलियां और प्रचार कर रहे हैं। मैकडॉनल्ड्स, कोका-कोला, अमेज़न और एप्पल जैसे ब्रांड अभी भी बाजार में मजबूत हैं, लेकिन भावना स्पष्ट है, 'लोकल को प्राथमिकता दें'। हालांकि बिक्री में तुरंत गिरावट नहीं देखी गई, लेकिन जनता की सोच में बदलाव हो रहा है।


स्टार्टअप्स की बढ़ती मांग

स्थानीय तकनीकी विकल्पों की मांग

स्टार्टअप जगत में इस बदलाव की भावना स्पष्ट दिखाई दे रही है। लिंक्डइन पर कई तकनीकी संस्थापकों ने कहा कि भारत को चीन की तरह स्थानीय डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म विकसित करने चाहिए, जैसे खुद का ट्विटर, यूट्यूब या व्हाट्सएप। इस चेतना को वीवर्स की ओर से आर्थिक आत्मनिर्भरता का नाम दिया जा रहा है।


सरकार की आर्थिक रणनीति

नीति के पीछे आर्थिक रणनीति

सरकार ने भी इस पर प्रतिक्रिया में एक मसौदा तैयार किया है। बताया जा रहा है कि घरेलू कारोबार को बढ़ावा देने के लिए 20,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज पर काम चल रहा है, जिससे 'ब्रांड इंडिया' को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिले।