राजस्थान में नए ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण शुरू

राजस्थान में ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का ऐलान
राजस्थान समाचार: राजस्थान में ब्यावर से भरतपुर तक एक नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे बनने जा रहा है। राज्य सरकार ने बजट 2024 में इस एक्सप्रेसवे की घोषणा की थी, और अब इस परियोजना की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी मिल गई है। इसके बाद सर्वेक्षण का कार्य आरंभ हो चुका है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) को सर्वेक्षण पूरा करने के लिए 18 महीने का समय दिया गया है। यह एक्सप्रेसवे कुल 342 किलोमीटर लंबा होगा, जिसका उद्देश्य ब्यावर और भरतपुर के बीच यात्रा को सरल और तेज बनाना है। इस परियोजना के लिए लगभग 3175 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा।
नए रूट की जानकारी
नया एक्सप्रेसवे का मार्ग
यह एक्सप्रेसवे एनएच-58 से शुरू होकर भरतपुर के एनएच-21 तक जाएगा। मार्ग में गुलाबपुरा, केकड़ी, टोडारायसिंह, उनियारा, टोंक और निवाई जैसे क्षेत्रों से गुजरेगा। इस एक्सप्रेसवे में ऐसे मार्ग शामिल किए जाएंगे, जहां पहले सीधी कनेक्टिविटी नहीं थी। वर्तमान में, ब्यावर से भरतपुर पहुंचने में लगभग 370 किलोमीटर की यात्रा करनी पड़ती है, जिसमें 7 से 8 घंटे लगते हैं।
सफर को आसान बनाने की योजना
एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, यह यात्रा काफी सरल और कम समय में पूरी होगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे शहरों की भीड़-भाड़ से बाहर निकाला जाएगा। सभी मार्ग एक-दूसरे से अच्छी तरह जुड़े रहेंगे। यह एक्सप्रेसवे कम जनसंख्या और खाली भूमि वाले क्षेत्रों से होकर गुजरेगा, जिससे सड़क में अधिक मोड़ नहीं होंगे और वाहन तेज गति से चल सकेंगे।
राजस्थान में अन्य एक्सप्रेसवे
राज्य में 9 नए एक्सप्रेसवे का निर्माण
पिछले बजट में राजस्थान में कुल 9 एक्सप्रेसवे बनाने की घोषणा की गई थी, जिनकी कुल लंबाई लगभग 2756 किलोमीटर होगी। राज्य की मौजूदा भाजपा सरकार ने 'विजन 2047' के तहत इन एक्सप्रेसवे के निर्माण की योजना बनाई है। सरकार का लक्ष्य है कि इनमें से 5 बड़े एक्सप्रेसवे को 2030 तक पूरा किया जाए, जिनकी कुल लंबाई 1361 किलोमीटर है।
एक्सप्रेसवे की सूची
इनमें शामिल हैं: जयपुर से जोधपुर होते हुए पचपदरा एक्सप्रेसवे, कोटपूतली-किशनगढ़ एक्सप्रेसवे, जयपुर-भीलवाड़ा एक्सप्रेसवे, बीकानेर-कोटपूतली एक्सप्रेसवे, और ब्यावर-भरतपुर एक्सप्रेसवे। इन एक्सप्रेसवे के निर्माण से राज्य में यात्रा करना आसान होगा और यातायात में लगने वाला समय भी कम होगा।