रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर भारतीय रसोई में होता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों जैसे सरसों और नारियल के तेल का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें कि रिफाइंड तेल के सेवन से क्या खतरे हो सकते हैं और स्वस्थ विकल्प क्या हैं।
Jun 17, 2025, 20:06 IST
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रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
हिंदी समाचार :– रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर पूड़ी और पराठे बनाने में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
- रिफाइंड तेल का अत्यधिक सेवन मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अधिक उपयोग से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का उपयोग किया जाता है, जो सभी जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इन रसायनों का नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि त्वचा में सू dryness और चेहरे की चमक का कम होना।
- रिफाइंड तेल के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना अधिक फायदेमंद है।
- अधिक रिफाइंड तेल का सेवन हृदय के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा दे सकता है, जिससे ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगड़ता है।