रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर भारतीय रसोई में होता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों जैसे सरसों का तेल और नारियल का तेल का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें रिफाइंड तेल के दुष्प्रभाव और स्वस्थ विकल्पों के बारे में।
Jul 23, 2025, 15:52 IST
| 
रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग: रिफाइंड तेल का इस्तेमाल आमतौर पर पूड़ी और पराठे बनाने में किया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं इसके दुष्प्रभावों के बारे में।
- रिफाइंड तेल का अधिक उपयोग मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अत्यधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का प्रयोग किया जाता है, जो सभी जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इसका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याओं को जन्म दे सकता है, जैसे कि रूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।
- रिफाइंड तेल के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना अधिक फायदेमंद है।
- अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन दिल के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा दे सकता है। यह शरीर में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगाड़ता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।