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रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव

रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर खाना पकाने में किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों जैसे सरसों और नारियल के तेल का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें रिफाइंड तेल के दुष्प्रभाव और स्वस्थ विकल्पों के बारे में।
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रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव

रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव

हिंदी समाचार :आप रिफाइंड तेल का उपयोग अक्सर करते हैं, खासकर पूड़ी और पराठे बनाने में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? यदि नहीं, तो आइए हम आपको इसके बारे में जानकारी देते हैं।




  • रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग आपके मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।



  • यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है। बड़ी कंपनियां इसे रिफाइन करने के लिए साबुन का उपयोग करती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा, इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।



  • सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का। ये रसायन ऑर्गेनिक नहीं होते और मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।



  • इनका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि त्वचा का सूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।



  • इन रसायनों से भरे रिफाइंड तेलों के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है। ये स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं और त्वचा की चमक बनाए रखते हैं।



  • अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन दिल के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यह मोटापे को बढ़ावा देता है और ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगाड़ता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।