रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग आमतौर पर खाना पकाने में किया जाता है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर कई हानिकारक प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। इसके बजाय, पारंपरिक तेलों का उपयोग करना अधिक फायदेमंद हो सकता है। जानें रिफाइंड तेल के दुष्प्रभाव और स्वस्थ विकल्प।
| Nov 3, 2025, 20:55 IST
रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
हिंदी समाचार :– आप रिफाइंड तेल का उपयोग अक्सर करते हैं, खासकर पूड़ी और पराठे बनाने में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल आपके स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए, हम आपको इसके दुष्प्रभावों के बारे में बताते हैं।
- रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग आपके मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। इसके अधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है। बड़ी कंपनियां इसे रिफाइन करने के लिए साबुन का उपयोग करती हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। इसके अलावा, इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का प्रयोग किया जाता है। ये रसायन ऑर्गेनिक नहीं होते और मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इनका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि त्वचा में सूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।
- इन रसायनों से भरे रिफाइंड तेलों के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है। ये न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि आपकी त्वचा की चमक भी बनाए रखते हैं।
- अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन दिल के लिए खतरा पैदा कर सकता है। यह मोटापे को बढ़ावा देता है और ओमेगा-3 और ओमेगा-6 के संतुलन को बिगाड़ता है, जिससे कई स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
