रिफाइंड तेल के स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव
रिफाइंड तेल का उपयोग बढ़ता जा रहा है, लेकिन इसके स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। यह मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है और त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। जानें कि कैसे पारंपरिक तेल जैसे सरसों और नारियल का तेल आपके स्वास्थ्य के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं।
| Dec 18, 2025, 10:35 IST
रिफाइंड तेल का उपयोग और इसके दुष्प्रभाव
हिंदी समाचार :– रिफाइंड तेल का उपयोग आजकल बहुत बढ़ गया है, खासकर पूड़ी और पराठे बनाने में। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह तेल स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है? आइए जानते हैं इसके बारे में।
- रिफाइंड तेल का अत्यधिक उपयोग मस्तिष्क पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, और इसके अधिक सेवन से मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।
- यह तेल कई रासायनिक प्रक्रियाओं से गुजरता है, जिसमें साबुन का उपयोग भी शामिल होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, इसमें ऐसे रसायन होते हैं जो स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाते हैं।
- सिंगल रिफाइनिंग में छह से सात रसायनों का उपयोग होता है, जबकि डबल रिफाइनिंग में 12 से 13 रसायनों का प्रयोग किया जाता है। ये रसायन ऑर्गेनिक नहीं होते और मिलकर जहरीले तत्वों का निर्माण करते हैं।
- इनका नियमित सेवन त्वचा संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है, जैसे कि रूखापन और चेहरे की चमक का खत्म होना।
- रिफाइंड तेल के बजाय, सरसों का तेल, नारियल का तेल और घी जैसे पारंपरिक तेलों का उपयोग करना बेहतर है। ये न केवल स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हैं, बल्कि त्वचा की चमक भी बनाए रखते हैं।
- अत्यधिक रिफाइंड तेल का सेवन हृदय के लिए खतरा पैदा कर सकता है और मोटापे को बढ़ावा देता है। यह शरीर में ओमेगा-3 और ओमेगा-6 का संतुलन बिगाड़ता है, जिससे कई बीमारियां हो सकती हैं।
