रुपये में गिरावट, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले नया निचला स्तर

रुपये की स्थिति
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौते की अनिश्चितता और घरेलू शेयर बाजारों में कमजोरी के कारण मंगलवार को रुपये पर दबाव बना रहा। यह अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पांच पैसे गिरकर 88.15 के ऐतिहासिक निचले स्तर पर बंद हुआ।
कारण और प्रभाव
विदेशी मुद्रा व्यापारियों का कहना है कि अमेरिका के बढ़ते शुल्क के कारण रुपये का मूल्य अब तक के सबसे निचले स्तर पर है, और इसके और गिरने का खतरा बना हुआ है। इसके अलावा, घरेलू शेयर बाजारों से विदेशी पूंजी की निकासी और डॉलर की मजबूती रुपये की कमजोरी को बढ़ा सकती है।
सोमवार को रुपये ने अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले 88.33 के अपने सर्वकालिक निचले स्तर को छुआ था। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा बाजार में रुपये की शुरुआत 88.14 पर हुई और यह 88.20 तक गिर गया।
बाजार की स्थिति
कारोबार के अंत में रुपये की स्थिति 88.15 प्रति डॉलर पर बंद हुई, जो पिछले बंद भाव से पांच पैसे की गिरावट दर्शाती है। सोमवार को यह 88.10 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के विश्लेषक दिलीप परमार ने बताया कि रुपये ने दिन के अधिकांश लाभ को खो दिया, जो आयातित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि और जोखिम से बचने की प्रवृत्ति के कारण हुआ।
डॉलर की मजबूती
डॉलर सूचकांक, जो दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले डॉलर की मजबूती को मापता है, 0.63 प्रतिशत बढ़कर 98.38 पर पहुंच गया। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड की कीमत 1.80 प्रतिशत बढ़कर 69.38 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गई।
भविष्यवाणी
मिराए एसेट शेयरखान के विश्लेषक अनुज चौधरी ने कहा कि रुपये का कारोबार नकारात्मक रुख के साथ जारी रह सकता है, क्योंकि व्यापार शुल्क की अनिश्चितता और कमजोर घरेलू बाजार रुपये पर दबाव डाल सकते हैं।
विदेशी संस्थागत निवेशकों की निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि भी रुपये को प्रभावित कर सकती है।
शेयर बाजार की स्थिति
घरेलू शेयर बाजार में सेंसेक्स 206.61 अंक गिरकर 80,157.88 अंक पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 45.45 अंक गिरकर 24,579.60 अंक पर रहा।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक मंगलवार को 1,159.48 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की बिक्री कर शुद्ध बिकवाल रहे।
व्यापार वार्ता
इस बीच, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि भारत अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहा है। दोनों देशों के बीच मार्च से वार्ता चल रही है और अब तक पांच दौर हो चुके हैं। छठे दौर की वार्ता के लिए अभी तक कोई नई तारीख तय नहीं की गई है।