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रूमेटाइड आर्थराइटिस: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

रूमेटाइड आर्थराइटिस एक गंभीर ऑटोइम्यून बीमारी है, जो जोड़ों में दर्द और सूजन का कारण बनती है। इसके लक्षणों में सुबह उठते ही जोड़ों में अकड़न, दर्द और थकान शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये लक्षण तीन हफ्तों से अधिक समय तक बने रहते हैं, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है। इस बीमारी के कई कारण हैं, जैसे जेनेटिक फैक्टर और हार्मोनल असंतुलन। उपचार में दवाएं, फिजियोथेरेपी और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं। जानें इस बीमारी से कैसे बचा जा सकता है और इसके लक्षणों को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है।
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रूमेटाइड आर्थराइटिस: लक्षण, कारण और बचाव के उपाय

रूमेटाइड आर्थराइटिस क्या है?

रूमेटाइड आर्थराइटिस: यदि आप सुबह उठते ही जोड़ों में दर्द या अकड़न का अनुभव करते हैं, तो यह एक चेतावनी संकेत हो सकता है। इसे उम्र का असर समझकर नजरअंदाज न करें, क्योंकि यह रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी गंभीर स्थिति का संकेत हो सकता है। यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो धीरे-धीरे हमारे जोड़ों को नुकसान पहुंचाती है। आइए, इस बीमारी के बारे में विशेषज्ञ से जानकारी लेते हैं।


विशेषज्ञ की राय

फरीदाबाद के एशियन अस्पताल के रुमेटोलॉजिस्ट डॉ. देवेन्द्र बैरवा के अनुसार, रूमेटाइड आर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है, जिसमें शरीर की इम्यून सिस्टम गलती से स्वस्थ जोड़ों पर हमला कर देती है। इससे जोड़ों में सूजन, दर्द और अकड़न होती है, और यह बीमारी महिलाओं में पुरुषों की तुलना में 2-3 गुना अधिक होती है। आमतौर पर, यह 30 से 50 वर्ष की आयु में शुरू होती है।


रूमेटाइड आर्थराइटिस के लक्षण

इस बीमारी के प्रारंभिक लक्षण अक्सर हल्के होते हैं, लेकिन समय के साथ बढ़ सकते हैं। इसके संकेतों में शामिल हैं:



  • सुबह उठते ही जोड़ों में अकड़न।

  • जोड़ों में दर्द और सूजन।

  • थकान, कमजोरी और हल्का बुखार।

  • हाथ-पैर की उंगलियों में जकड़न।

  • लंबे समय तक बैठने या आराम करने के बाद दर्द।


त्वचा पर लक्षण

रूमेटाइड आर्थराइटिस में त्वचा पर भी लक्षण दिखाई दे सकते हैं, जैसे हाथों या पैरों में घाव और रंग में बदलाव। कभी-कभी, बिना दर्द की गांठें भी बन सकती हैं।


डॉक्टर से कब संपर्क करें?

यदि किसी को तीन हफ्तों से अधिक समय तक सुबह के समय जोड़ों में अकड़न और दर्द बना रहता है, तो इसे गंभीरता से लेना चाहिए। यह रूमेटाइड आर्थराइटिस का प्रारंभिक संकेत हो सकता है।


बीमारी के कारण


  • जेनेटिक कारक।

  • इम्यून सिस्टम में गड़बड़ी।

  • धूम्रपान और प्रदूषण।

  • हार्मोनल असंतुलन।

  • लंबे समय तक वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण।

  • महिलाओं में मेनोपॉज के बाद समस्या।


रूमेटाइड आर्थराइटिस के चरण

इस बीमारी के चार चरण होते हैं। पहले चरण में सुबह के समय जोड़ों में दर्द होता है। दूसरे चरण में गतिविधियों में कठिनाई होती है। तीसरे चरण में जोड़ों का आकार बदल जाता है। चौथे चरण में सूजन बंद हो जाती है, लेकिन दर्द और अकड़न बनी रहती है।


इलाज और सावधानियाँ

डॉक्टर बताते हैं कि रूमेटाइड आर्थराइटिस का स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर उपचार से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।


दवाएं: DMARDs और NSAIDs दर्द और सूजन को कम करती हैं।


फिजियोथेरेपी: यह जोड़ों की फ्लेक्सिबिलिटी बनाए रखने में मदद करती है।


सर्जरी: गंभीर अवस्था में जॉइन्ट रिप्लेसमेंट की आवश्यकता हो सकती है।


जीवनशैली में बदलाव: संतुलित आहार, हल्का व्यायाम और योग आवश्यक हैं।


बचाव के उपाय

डॉक्टर सलाह देते हैं कि धूम्रपान से बचें और अपनी डाइट में ओमेगा-3 फैटी एसिड शामिल करें। नियमित हल्की फिजिकल एक्टिविटी से जोड़ों में सूजन और दर्द को कम किया जा सकता है।