रूस ने कैंसर के खिलाफ विकसित की नई वैक्सीन, मरीजों को मुफ्त में मिलेगी

कैंसर वैक्सीन: एक नई उम्मीद
कैंसर वैक्सीन: कैंसर को दुनिया की सबसे खतरनाक बीमारियों में से एक माना जाता है। इस बीमारी का नाम सुनते ही न केवल मरीज, बल्कि उनके परिवार के सदस्य भी चिंतित हो जाते हैं। इसका मुख्य कारण महंगा इलाज और प्रभावी दवा का अभाव है। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने कैंसर के खिलाफ एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। रूस ने कैंसर के मरीजों के लिए एक वैक्सीन विकसित की है, जिसे देश के नागरिकों को मुफ्त में उपलब्ध कराया जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, यह वैक्सीन कैंसर के उपचार के लिए उपयोग की जाएगी, न कि इसके रोकथाम के लिए।
मानव परीक्षण की तैयारी
रूस जल्द शुरू करेगा मानव परीक्षण: रूसी समाचार एजेंसी के अनुसार, हाल ही में रूस ने कैंसर वैक्सीन बनाने का दावा किया था, और इसे 2025 में लॉन्च करने की योजना है। यह वैक्सीन 2026 की शुरुआत में आम जनता के लिए मुफ्त में उपलब्ध होगी। सरकारी समाचार एजेंसी से मिली जानकारी के अनुसार, रूस अगले कुछ महीनों में इस वैक्सीन का मानव परीक्षण शुरू करने जा रहा है। ये परीक्षण मॉस्को के हर्टसन रिसर्च इंस्टीट्यूट और ब्लोखिन कैंसर सेंटर में होंगे, जबकि गामालेया सेंटर वैक्सीन का उत्पादन करेगा।
व्यक्तिगत खुराक का उपयोग
व्यक्तिगत खुराक: गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्ज़बर्ग ने बताया कि प्रत्येक वैक्सीन की खुराक व्यक्तिगत रूप से तैयार की जाएगी और इसे मेलेनोमा के रोगियों के एक समूह को दिया जाएगा। यह एमआरएनए दवा विशेष रूप से प्रत्येक रोगी के ट्यूमर डेटा के आधार पर बनाई जाएगी।
कैंसर के विकास को रोकने में सहायक
कैंसर के विकास को रोकने की क्षमता: रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के रेडियोलॉजी मेडिकल रिसर्च सेंटर के निदेशक एंड्री काप्रिन ने कहा है कि रूस ने कैंसर के खिलाफ अपनी mRNA वैक्सीन विकसित की है। गामालेया सेंटर के निदेशक के अनुसार, इस वैक्सीन के प्री-क्लिनिकल ट्रायल में यह पाया गया है कि यह कैंसर के विकास और उसके फैलाव को रोकने में सक्षम है।
वैक्सीन पर लंबे समय से चल रहा है काम
2022 से वैक्सीन पर काम जारी: रिपोर्टों के अनुसार, रूस में लगभग 4 मिलियन कैंसर रोगी हैं और हर साल 625,000 नए मामले सामने आते हैं। मानव परीक्षण के बाद, यह वैक्सीन रूसी नागरिकों को मुफ्त में दी जाएगी। वैक्सीन के रोलआउट की योजना को स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है। इस प्रयास का नेतृत्व हर्टसन रिसर्च इंस्टीट्यूट और ब्लोखिन कैंसर सेंटर कर रहे हैं। वैक्सीन का विकास 2022 के मध्य में शुरू हुआ था।