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रेवाड़ी में किसानों के लिए राहत: फसल नुकसान का मुआवजा पोर्टल खुला

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के किसानों के लिए राहत की खबर आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने फसल नुकसान का मुआवजा दिलाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर तक खुला रखने का निर्णय लिया है। जिले के 107 गांवों के किसान इस पोर्टल पर अपनी फसल के नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं। इसके अलावा, मसीत गांव में एक हत्या का मामला भी चर्चा में है, जिसमें पुलिस को अब तक कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और किसानों की मांगें।
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रेवाड़ी में किसानों के लिए राहत: फसल नुकसान का मुआवजा पोर्टल खुला

किसानों के लिए राहत की खबर

हरियाणा के रेवाड़ी जिले के किसानों के लिए एक अच्छी खबर आई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने भारी बारिश और जलभराव से प्रभावित किसानों को फसल नुकसान का मुआवजा दिलाने के लिए ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल को 15 सितंबर तक सक्रिय रखने का निर्णय लिया है। जिला उपायुक्त अभिषेक मीणा ने बताया कि जिले के 107 गांवों के किसान इस पोर्टल पर अपनी फसल के नुकसान की जानकारी अपलोड कर सकते हैं। इनमें पाल्हावास तहसील के 29, धारूहेड़ा के 37, बावल तहसील के 23 और डहीना तहसील के 2 गांव शामिल हैं। हालांकि, जिला प्रशासन ने 117 गांवों की रिपोर्ट भेजी थी, लेकिन पोर्टल केवल 107 गांवों के लिए खोला गया है।


सत्यापन और मुआवजा प्रक्रिया

डीसी ने बताया कि पोर्टल पर दर्ज दावों का सत्यापन विशेष गिरदावरी के माध्यम से किया जाएगा। पटवारी, कानूनगो, सर्कल राजस्व अधिकारी, जिला राजस्व अधिकारी और उप मंडल अधिकारी मिलकर नुकसान का आकलन करेंगे। इसके आधार पर सरकार निर्धारित मानकों के अनुसार मुआवजा प्रदान करेगी। किसानों से अनुरोध किया गया है कि वे जल्द से जल्द अपनी फसल क्षति का विवरण पोर्टल पर दर्ज करें, ताकि समय पर सहायता मिल सके।


किसानों की मांग

जय किसान आंदोलन की रेवाड़ी इकाई ने डीआरओ प्रदीप देशवाल को उपायुक्त के नाम ज्ञापन सौंपकर सभी गांवों के लिए पोर्टल खोलने की मांग की है। उनका कहना है कि भारी बारिश के कारण कपास, बाजरा और सब्जियों की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। किसान चिंतित हैं और तुरंत मुआवजा चाहते हैं। आंदोलन के कार्यकर्ताओं ने सरकार से अनुरोध किया है कि पूरे जिले के लिए पोर्टल खोला जाए और फसल नुकसान की गिरदावरी कराई जाए। इस अवसर पर कई किसान नेता भी मौजूद थे।


मसीत हत्याकांड का अनसुलझा रहस्य

रेवाड़ी के मसीत गांव में 18 जुलाई को 48 वर्षीय सुनीता की हत्या कर दी गई थी। डेढ़ महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस को कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। समिति के अध्यक्ष रवि मसीत ने बताया कि मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है। उन्होंने मांग की है कि हत्यारों को जल्द पकड़ा जाए, ताकि कानून-व्यवस्था पर लोगों का भरोसा बना रहे। सुनीता का बेटा अर्जुन पढ़ाई के लिए पठानकोट और पति प्यारेलाल नौकरी के लिए चित्तौड़गढ़ गए थे। 18 जुलाई को जब बेटे ने फोन किया, तो मां का फोन बंद मिला। पड़ोसी ने घर जाकर देखा तो सुनीता मृत पड़ी थी। ग्रामीणों ने हत्यारों की गिरफ्तारी की मांग तेज कर दी है।