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रेवाड़ी में साथी अभियान की शुरुआत, निराश्रित बच्चों के लिए नई उम्मीद

रेवाड़ी में साथी अभियान की शुरुआत की गई है, जिसका उद्देश्य निराश्रित बच्चों को कानूनी पहचान और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाना है। इस पहल के तहत एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो बच्चों की पहचान, आधार कार्ड पंजीकरण और अन्य सहायता सेवाओं का समन्वय करेगी। अभियान के सफल संचालन के लिए प्रशासनिक इकाइयों और नागरिकों का सहयोग आवश्यक है। जानें इस महत्वपूर्ण पहल के बारे में अधिक जानकारी।
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रेवाड़ी में साथी अभियान की शुरुआत, निराश्रित बच्चों के लिए नई उम्मीद

साथी अभियान का उद्देश्य


(रेवाड़ी समाचार) रेवाड़ी। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के सचिव, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अमित वर्मा ने बताया कि हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशों के तहत साथी अभियान की शुरुआत की गई है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जरूरतमंद और उपेक्षित निराश्रित बच्चों तक प्रभावी पहुंच सुनिश्चित करना है। इसके लिए एक जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है, जो बच्चों की पहचान, आधार कार्ड पंजीकरण, प्रशिक्षण और अन्य सहायता सेवाओं का समन्वय करेगी।


कानूनी पहचान और सहायता

सीजेएम अमित वर्मा ने बताया कि इस अभियान का प्राथमिक लक्ष्य रेवाड़ी जिले के कमजोर और उपेक्षित निराश्रित बच्चों की कानूनी पहचान स्थापित करना है, ताकि वे अपने मौलिक अधिकारों और सरकारी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ उठा सकें। इसके अंतर्गत बच्चों के आधार कार्ड बनाए जाएंगे, उन्हें मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जाएगी और विभिन्न सरकारी सेवाओं से जोड़ा जाएगा।


सर्वेक्षण कार्यक्रम का महत्व

अभियान के प्रभावी संचालन हेतु एक विस्तृत सर्वेक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है


मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-सह-सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) रेवाड़ी अमित वर्मा ने कहा कि इस अभियान की जिला स्तरीय समिति में विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि अभियान के प्रभावी संचालन के लिए एक विस्तृत सर्वेक्षण कार्यक्रम तैयार किया गया है। इसके माध्यम से देहव्यवसाय, संस्थागत देखरेख या अन्य संकटपूर्ण परिस्थितियों में फंसे बच्चों की पहचान कर, उनका आधार पंजीकरण कराते हुए, उन्हें आवश्यक सहायता और पुनर्वास सेवाएं प्रदान की जाएंगी।


सहयोग की आवश्यकता

उन्होंने कहा कि साथी अभियान को सफल बनाने के लिए सभी प्रशासनिक इकाइयों, संबंधित विभागों, स्वयंसेवी संस्थाओं और जागरूक नागरिकों का सक्रिय सहयोग आवश्यक है, ताकि कोई भी बच्चा उपेक्षित न रह जाए और वह समाज की मुख्यधारा से जुड़ सके। सहायता प्राप्त करने के इच्छुक नागरिक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 15100 पर कॉल कर सकते हैं।