लाल भिंडी की खेती: एक किसान ने एक ही सीजन में बनाई लाखों की संपत्ति

लाल भिंडी की खेती: एक लाभकारी व्यवसाय
लाल भिंडी की खेती अब केवल एक प्रयोग नहीं रह गई है, बल्कि यह किसानों के लिए एक लाभदायक व्यवसाय बन चुकी है। गोड्डा जिले के किसान अमरेंद्र कुमार ने 'काशी लालिमा' नामक भिंडी की एक नई किस्म को अपनाकर खेती में एक नई दिशा दी है। यह भिंडी सामान्य हरी भिंडी से भिन्न है—इसके रंग में लाल, स्वाद में बेहतर और पोषण में समृद्ध है।
लाल भिंडी के पोषण गुण
इस भिंडी में आयरन, कैल्शियम, पोटैशियम, जिंक, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट की उच्च मात्रा होती है। यही कारण है कि यह डायबिटीज, हृदय रोग और पाचन संबंधी समस्याओं में लाभकारी मानी जाती है।
किसान की सफलता की कहानी
अमरेंद्र कुमार को यह विचार तब आया जब उन्होंने कृषि विज्ञान केंद्र में 'काशी लालिमा' के बारे में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने जैविक खाद और आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए इसकी खेती शुरू की। लगभग 45 से 50 दिनों में फसल तैयार हो गई और पैदावार भी उम्मीद से बेहतर रही।
स्वाद और बाजार में मांग
अमरेंद्र का कहना है कि इस भिंडी का स्वाद हरी भिंडी से अधिक कुरकुरी और स्वादिष्ट होता है। पकाने पर इसका रंग हल्का हो जाता है, लेकिन इसके पोषण में कोई कमी नहीं आती। स्थानीय बाजार में इसकी मांग तेजी से बढ़ रही है और इसकी कीमत सामान्य भिंडी से दोगुनी मिल रही है।
कमाई और पहचान
लाल भिंडी की खेती से अमरेंद्र कुमार एक सीजन में लखपति बन गए हैं। उनका मानना है कि यदि अन्य किसान भी इस किस्म को अपनाएं, तो गोड्डा कृषि उत्पादों की सूची में एक नई पहचान जोड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह भिंडी न केवल मुनाफे का जरिया है, बल्कि स्वास्थ्य के लिए भी वरदान है।
नया विकल्प
यदि आप भी खेती में कुछ नया करना चाहते हैं, तो लाल भिंडी की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। सही जानकारी, जैविक तकनीक और बाजार की समझ से आप भी एक सीजन में लाखों की कमाई कर सकते हैं।