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वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण के कारण ठंड में हवा की गुणवत्ता में गिरावट

वाराणसी में ठंड के मौसम के साथ वायु गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, प्रदूषण का स्तर सुबह के समय सबसे अधिक होता है, जिससे सांस के रोगियों और बुजुर्गों को दिक्कत हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि ठंड के कारण प्रदूषक तत्व हवा में घुल नहीं पा रहे हैं, जिससे स्थिति और बिगड़ रही है। जानें इस विषय पर और क्या जानकारी है और इससे कैसे बचा जा सकता है।
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वाराणसी में बढ़ते प्रदूषण के कारण ठंड में हवा की गुणवत्ता में गिरावट

वाराणसी का मौसम: प्रदूषण का स्तर बढ़ा

वाराणसी (Varanasi weather): जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, बनारस की वायु गुणवत्ता में गिरावट आ रही है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, एक्यूआई 138 दर्ज किया गया है, जबकि एक्यूआई डाट इन के अनुसार यह आंकड़ा 278 तक पहुंच गया है।


सबसे खराब वायु गुणवत्ता शाम सात बजे से सुबह आठ बजे के बीच देखी जाती है, जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 के पार चला जाता है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के समीर एप द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, शहर का औसत एक्यूआई 138 है।


वाराणसी में पीएम 10 का स्तर

वाराणसी मौसम: पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 189


अर्दली बाजार सबसे अधिक प्रदूषित क्षेत्र रहा, जहां एक्यूआई 140 दर्ज किया गया। यहां पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 189 और पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 158 रही। भेलूपुर का एक्यूआई 139, बीएचयू का 139 और मलदहिया का 133 दर्ज किया गया।


भेलूपुर में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 168 और पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 301 रही। बीएचयू में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 200 और पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 303 थी। मलदहिया में पीएम 10 की अधिकतम मात्रा 174 और पीएम 2.5 की अधिकतम मात्रा 247 रही।


सुबह के समय प्रदूषण का उच्चतम स्तर

सुबह आठ बजे प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक


एक्यूआई डाट इन द्वारा जारी 24 घंटे के आंकड़ों के अनुसार, सुबह आठ बजे प्रदूषण का स्तर सबसे अधिक था, जब बनारस का एयर क्वालिटी इंडेक्स 462 तक पहुंच गया। धूप निकलने के बाद प्रदूषक तत्वों की संख्या में कमी आई और दिन में तीन बजे एक्यूआई 170 तक पहुंच गया।


शाम होते ही एयर क्वालिटी इंडेक्स में फिर से वृद्धि हुई, और शाम सात बजे यह 267 तक पहुंच गया। वर्तमान में प्रदूषण का स्तर 9.4 सिगरेट के धुएं के बराबर है।


ठंड के कारण प्रदूषण में वृद्धि

ठंड के कारण हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ी


बीएचयू के पर्यावरण विशेषज्ञ प्रो. मनोज कुमार ने बताया कि हवा में एयर क्वालिटी का स्तर 200 के ऊपर है, इसलिए लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए। ठंड बढ़ने से धूल कण और प्रदूषक तत्व हवा में घुल नहीं पा रहे हैं, जिससे हवा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।


क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी रोहित सिंह ने कहा कि ठंड और हवा की गति में कमी के कारण प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ी है। एयर क्वालिटी की लगातार निगरानी की जा रही है।


सांस के रोगियों के लिए खतरा

सांस के रोगियों के लिए घातक


स्वामी विवेकानंद भेलूपुर अस्पताल के अधीक्षक डॉ. क्षितिज तिवारी ने बताया कि हवा में बढ़ते प्रदूषक तत्वों के कारण सांस के रोगियों, बच्चों और बुजुर्गों को समस्याएं हो सकती हैं। घर से बाहर निकलते समय मास्क पहनना आवश्यक है।


इस मौसम में अस्थमा रोगियों की समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए प्रदूषित क्षेत्रों में जाने से बचें और अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार दवाइयां लें। घर से बाहर व्यायाम करने से भी बचें।