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विकसित कृषि संकल्प अभियान: रबी फसल के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत

केंद्र सरकार द्वारा 3 अक्टूबर से शुरू होने वाला विकसित कृषि संकल्प अभियान रबी फसल की तैयारी के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान में किसानों को खाद, बीमा और प्राकृतिक खेती के विषयों पर सहायता मिलेगी। केंद्रीय कृषि मंत्री ने इस अभियान की घोषणा की है, जिसमें राज्यों के कृषि मंत्री और वैज्ञानिक शामिल होंगे। जानें इस अभियान के तहत किसानों को क्या लाभ मिलेगा और कैसे यह खेती को आधुनिक बनाने में मदद करेगा।
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विकसित कृषि संकल्प अभियान: रबी फसल के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत

विकसित कृषि संकल्प अभियान का आरंभ

विकसित कृषि संकल्प अभियान: रबी फसल के लिए राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत 3 अक्टूबर से होगी, किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ: यह अभियान रबी फसल की तैयारी के लिए केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसकी घोषणा केंद्रीय कृषि मंत्री ने नई दिल्ली में आयोजित एक बैठक में की।


अभियान की अवधि और भागीदारी

यह अभियान 3 अक्टूबर को विजय पर्व के दिन शुरू होगा और 18 अक्टूबर तक चलेगा। इसमें विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री, सचिव और वैज्ञानिक शामिल होंगे। बैठक में खाद की आवश्यकता, प्राकृतिक खेती के मिशन, और फसल बीमा योजना जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई।


खाद, बीमा और प्राकृतिक खेती पर ध्यान

खाद, बीमा और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान: बैठक में नकली खाद और जैव उत्तेजक उत्पादों की समस्या को गंभीरता से उठाया गया। मंत्री ने बताया कि बाजार में लगभग 30,000 जैव उत्तेजक उत्पाद उपलब्ध हैं, जिनमें से केवल 600 प्रमाणित हैं। अब यह सुनिश्चित किया जाएगा कि केवल प्रमाणित उत्पाद ही किसानों तक पहुंचें।


प्राकृतिक खेती मिशन की प्रगति

साथ ही, प्राकृतिक खेती मिशन की तैयारियों पर भी चर्चा की गई। प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत 100 जिलों में इस मिशन की प्रगति की निगरानी के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए। बाढ़ और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को राहत देने के लिए फसल बीमा योजना पर भी विचार किया गया।


दलहन-तिलहन उत्पादन को बढ़ावा

दलहन-तिलहन उत्पादन और राज्यों की भूमिका: केंद्रीय मंत्री ने दलहन और तिलहन के उत्पादन को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने राज्यों से अनुरोध किया कि वे इन योजनाओं का प्रतिनिधित्व करें और स्थानीय स्तर पर इन्हें सफल बनाएं। मंत्री ने कहा कि देश की जरूरतों के अनुसार दलहन और तिलहन का उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है।


खाद की आवश्यकता का आंकलन

राज्यों को खाद की आवश्यकता का आंकलन करने और आगामी कॉन्फ्रेंस में ठोस प्रस्ताव रखने के निर्देश दिए गए हैं। यह अभियान किसानों को संगठित समर्थन देने और खेती को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।