विटामिन-सी की कमी: लक्षण, कारण और इसे बढ़ाने के उपाय

विटामिन-सी की आवश्यकता
विटामिन-सी की कमी: स्वस्थ रहने के लिए शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत करना आवश्यक है, और इसके लिए विटामिन-सी सबसे महत्वपूर्ण है। यदि शरीर में इसकी कमी हो जाती है, तो व्यक्ति को सूखी त्वचा, बालों का झड़ना और बार-बार संक्रमण का सामना करना पड़ सकता है। कोरोना के दौरान विटामिन-सी की गोलियों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है, और स्वास्थ्य विशेषज्ञ इसे अत्यंत महत्वपूर्ण मानते हैं। आइए जानते हैं कि इसकी कमी से कौन-कौन सी बीमारियाँ हो सकती हैं, इसके लक्षण क्या हैं, और इसे कैसे बढ़ाया जा सकता है।
विटामिन-सी की भूमिका
खून की कमी: विटामिन-सी खून बढ़ाने में सहायक होता है। जब शरीर में आयरन की कमी होती है, तो इसे पूरा करने के लिए विटामिन-सी का सेवन किया जाता है, क्योंकि यह आयरन के अवशोषण को बढ़ाता है। इसके अलावा, यह हड्डियों को भी मजबूत बनाता है।
स्तनपान: जो महिलाएं स्तनपान कराती हैं, उन्हें विटामिन-सी की पर्याप्त मात्रा की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह ब्रेस्ट मिल्क के उत्पादन को बढ़ाता है।
थायरॉइड: इस बीमारी से बचने के लिए भी विटामिन-सी की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह थायरॉइड हार्मोन के कार्य को सही ढंग से संचालित करता है।
इम्यूनिटी: कोरोना के समय में इम्यूनिटी से जुड़ी समस्याएँ बढ़ गई थीं, और विटामिन-सी इस समस्या का समाधान करने में मदद करता है।
दांतों और हड्डियों की कमजोरी: विटामिन-सी की कमी से दांतों, मसूड़ों और हड्डियों में दर्द हो सकता है।
विटामिन-सी की कमी के लक्षण
- लगातार थकान महसूस होना।
- होंठों और त्वचा पर सूखी और पपड़ीदार स्थिति।
- त्वचा पर नीले और लाल धब्बे दिखाई देना।
- बच्चों की हड्डियों में कमजोरी।
- घावों का जल्दी न भरना।
विटामिन-सी कैसे बढ़ाएं?
डॉक्टर बिमल छाजेड़ के अनुसार, विटामिन-सी को प्राकृतिक रूप से बढ़ाने के लिए हमें कुछ फलों और सब्जियों का नियमित सेवन करना चाहिए। अमरूद, नींबू, स्ट्रॉबेरी, कीवी और संतरा जैसे फल विटामिन-सी के अच्छे स्रोत हैं। इसके अलावा, लाल-हरी शिमला मिर्च, पालक और ब्रोकली भी विटामिन-सी प्रदान करते हैं। डेयरी उत्पादों में दही का सेवन भी फायदेमंद होता है।