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विश्व रक्तदाता दिवस 2025: रक्तदान के लाभ और महत्व

विश्व रक्तदाता दिवस 2025 के अवसर पर, जानें रक्तदान के महत्व और इसके स्वास्थ्य लाभों के बारे में। भारत में खून की कमी की गंभीरता और रक्तदान के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की गई है। विशेषज्ञों के अनुसार, रक्तदान न केवल जरूरतमंदों की मदद करता है, बल्कि दाताओं के लिए भी कई स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है। इस लेख में जानें कि कौन रक्तदान कर सकता है और रक्तदान करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
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विश्व रक्तदाता दिवस 2025: रक्तदान के लाभ और महत्व

विश्व रक्तदाता दिवस 2025

विश्व रक्तदाता दिवस 2025: शरीर में खून की कमी एक सामान्य समस्या है, लेकिन जब किसी को अचानक खून की आवश्यकता होती है और वह उपलब्ध नहीं होता, तो यह एक गंभीर स्थिति बन जाती है। भोजन और दवाओं के माध्यम से खून की कमी को दूर करना संभव है, लेकिन कुछ लोगों को खून चढ़ाने की आवश्यकता होती है। भारत में प्रतिदिन हजारों मरीजों को खून की आवश्यकता होती है, जैसे कि प्रसव के दौरान माताएं, कैंसर से जूझ रहे बच्चे, या सड़क दुर्घटनाओं में घायल लोग।


रक्तदान की स्थिति

भारत में हर साल लगभग 1.46 करोड़ यूनिट खून की आवश्यकता होती है, लेकिन उपलब्धता में 10 लाख यूनिट की कमी रहती है। यह स्थिति आपातकालीन उपचार में बाधा डालती है। विशेषज्ञों का कहना है कि रक्तदान एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रांतियों के कारण लोग इससे दूर रहते हैं।


रक्तदान से डर

डॉ. हरप्रीत कौर के अनुसार, भारत में रक्तदान को लेकर लोगों में डर है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों में। भ्रांतियां जैसे रक्तदान से कमजोरी आना या बीमार होना, लोगों को इससे दूर कर देती हैं। जबकि एक स्वस्थ व्यक्ति हर तीन महीने में रक्तदान कर सकता है और शरीर इसे जल्दी ही पुनः बना लेता है।


खून की आवश्यकता वाले रोग

डॉक्टरों के अनुसार, कैंसर, थैलेसीमिया, और गंभीर चोटों के लिए मरीजों को नियमित रूप से खून की आवश्यकता होती है। एक यूनिट खून देने से तीन जिंदगियां बचाई जा सकती हैं।


रक्तदान के स्वास्थ्य लाभ

डॉ. उमा रानी के अनुसार, रक्तदान से कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं, जैसे:



  • हार्ट हेल्थ में सुधार होता है।

  • आयरन लेवल सही रहने से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।

  • रक्तदान से लगभग 650 कैलोरी बर्न होती हैं।

  • नई RBCs का निर्माण होता है, जिससे रक्त संचार में सुधार होता है।

  • आयरन के ओवरलोड से राहत मिलती है।

  • मानसिक शांति और तनाव में कमी आती है।


रक्तदान के लिए योग्य व्यक्ति

18 से 65 वर्ष के बीच के स्वस्थ व्यक्ति, जिनका वजन 50 किलो या उससे अधिक है, रक्तदान कर सकते हैं। गंभीर बीमारियों जैसे HIV, कैंसर या हेपेटाइटिस से ग्रसित व्यक्ति रक्तदान नहीं कर सकते।


ई-रक्त कोष

सरकार ने रक्तदान को सरल बनाने के लिए 'ई-रक्त कोष' जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत की है, जो डोनर और अस्पतालों को रियल टाइम में जोड़ता है।


जागरूकता बढ़ाने के उपाय

डॉ. सुनीता कपूर का कहना है कि शहरों में लोग रक्तदान के लिए आते हैं, लेकिन गांवों में जागरूकता की कमी है। इसके लिए स्कूलों में कार्यक्रम और पंचायतों में संवाद की आवश्यकता है।


रक्तदान करते समय ध्यान रखने योग्य बातें


  • रक्तदान से पहले भरपूर पानी पिएं और हल्का भोजन करें।

  • डोनेशन के बाद थोड़ी देर आराम करें।

  • आयरन युक्त आहार लें।

  • 24 घंटे तक भारी काम या व्यायाम न करें।