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विश्व विटिलिगो दिवस 2025: जानें इस बीमारी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

विश्व विटिलिगो दिवस 2025 के अवसर पर, यह जानना महत्वपूर्ण है कि विटिलिगो एक ऑटोइम्यून स्थिति है जो त्वचा पर सफेद धब्बे बनाती है। यह रोग न तो संक्रामक है और न ही छुआछूत से फैलता है। विशेषज्ञों के अनुसार, इसके कारण आनुवंशिक, ऑटोइम्यून और पर्यावरणीय हो सकते हैं। हालांकि इसका स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन समय पर पहचान और उपचार से इसके फैलाव को रोका जा सकता है। इस लेख में विटिलिगो के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी और उपचार के विकल्पों पर चर्चा की गई है।
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विश्व विटिलिगो दिवस 2025: जानें इस बीमारी के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

विश्व विटिलिगो दिवस 2025

विश्व विटिलिगो दिवस 2025: विटिलिगो एक ऑटोइम्यून रोग है, जो इम्यून सिस्टम से संबंधित होता है। इस स्थिति में, मरीज की त्वचा पर लाल और सफेद धब्बे दिखाई देते हैं, जो शरीर के विभिन्न हिस्सों में हो सकते हैं। हर साल 25 जून को मनाया जाने वाला विश्व विटिलिगो दिवस हमें इस त्वचा रोग के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता की याद दिलाता है, जिसे लोग अक्सर गलत समझते हैं। सफेद धब्बों के रूप में प्रकट होने वाली इस स्थिति के बारे में सबसे सामान्य प्रश्न यह है कि क्या विटिलिगो छुआछूत या संक्रमण से फैलता है? आइए जानते हैं विशेषज्ञों से इस बीमारी के बारे में।


क्या छूने से फैलता है रोग?

डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अनुसार, विटिलिगो संक्रामक नहीं है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह न तो छुआछूत से फैलता है और न ही यह कोई संक्रामक स्थिति है। इसे छूने, साथ में खाने या शारीरिक संपर्क से नहीं फैलाया जा सकता।


विशेषज्ञों की राय

आकाश हेल्थकेयर के डर्मेटोलॉजी विभाग की डॉ. मीनू मलिक कहती हैं, "विटिलिगो एक ऑटोइम्यून स्थिति है, जिसमें शरीर का इम्यून सिस्टम गलती से अपने रंग बनाने वाली कोशिकाओं (मेलानोसाइट्स) पर हमला कर देता है। इसका संक्रमण या सफाई से कोई संबंध नहीं है और यह बिल्कुल भी संक्रामक नहीं है।" इसके बावजूद, समाज में इससे जुड़ा कलंक आज भी बना हुआ है, जिससे मरीजों को स्कूल, नौकरी और विवाह जैसे क्षेत्रों में भेदभाव का सामना करना पड़ता है।


विटिलिगो के कारण

हालांकि, विटिलिगो के सटीक कारणों पर शोध जारी है, लेकिन यह माना जाता है कि यह आनुवंशिक, ऑटोइम्यून और पर्यावरणीय कारणों से होता है। कुछ जीन जैसे NLRP1, HLA और TYR विटिलिगो से जुड़े पाए गए हैं। तनाव, त्वचा पर चोट और पारिवारिक इतिहास इसके जोखिम को बढ़ा सकते हैं, लेकिन यह न तो किसी विशेष आहार से होता है और न ही किसी रोगी के संपर्क में आने से।


भारत में इलाज के विकल्प

हालांकि, विटिलिगो का स्थायी इलाज अभी तक नहीं मिला है, लेकिन यदि समय पर पहचान और सही उपचार किया जाए, तो इसके फैलाव को रोका जा सकता है और त्वचा का रंग वापस लाया जा सकता है।


उपलब्ध विकल्प

  • टोपिकल ट्रीटमेंट
  • फोटोथेरेपी (नैरोबैंड UVB)
  • सर्जिकल ऑप्शन


विटिलिगो से बचाव के लिए टिप्स

  • सनस्क्रीन का उपयोग करें।
  • संतुलित आहार लें, जिसमें विटामिन-B12, D, जिंक और कॉपर से भरपूर खाद्य पदार्थ शामिल हों।
  • तनाव से बचने के लिए योग और माइंडफुलनेस का अभ्यास करें।
  • स्वयं इलाज न करें।
  • आत्मविश्वास बनाए रखें।


जरूरी सलाह

डॉक्टरों का कहना है कि विटिलिगो मरीजों के लिए सबसे बड़ी चुनौती यह है कि यह बीमारी नहीं, बल्कि समाज द्वारा किया गया बहिष्कार होता है। हमें इस रोग के प्रति जागरूकता फैलाने, इलाज से जुड़ी शिक्षा और सहानुभूति प्रदान करने की आवश्यकता है।