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व्यायाम और कैंसर: नई रिसर्च से मिली जानकारी

हाल ही में एक अध्ययन ने यह साबित किया है कि उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज कैंसर कोशिकाओं के विकास को रोकने में मदद कर सकती है। जब हम तेज व्यायाम करते हैं, तो हमारी मांसपेशियां रक्त से अधिक ग्लूकोज अवशोषित करती हैं, जिससे कैंसर कोशिकाओं को आवश्यक पोषण नहीं मिल पाता। यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी द्वारा किया गया है और यह एक स्वस्थ जीवनशैली के महत्व को उजागर करता है। जानें इस रिसर्च के बारे में और कैसे व्यायाम कैंसर से लड़ने में सहायक हो सकता है।
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व्यायाम और कैंसर: नई रिसर्च से मिली जानकारी

व्यायाम का कैंसर से संबंध

आज के समय में, अधिकांश लोग व्यायाम और स्वास्थ्य के महत्व को समझते हैं। हम में से कई लोग फिट रहने, वजन घटाने या हृदय संबंधी बीमारियों से बचने के लिए जिम जाते हैं या कसरत करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपकी मेहनत कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों से भी लड़ने में सहायक हो सकती है? हाल ही में एक अध्ययन में इस बात का खुलासा हुआ है।


एक नई रिसर्च के अनुसार, उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज और प्रतिरोध प्रशिक्षण (वेट लिफ्टिंग) हमारे शरीर में कैंसर से लड़ने की अद्भुत क्षमता विकसित कर सकते हैं।


जब हम तेज व्यायाम करते हैं, जैसे दौड़ना, साइकिल चलाना या वजन उठाना, तो हमारी मांसपेशियां अधिक सक्रिय हो जाती हैं। इस प्रक्रिया में, वे रक्त से बड़ी मात्रा में शुगर (ग्लूकोज) को अवशोषित करती हैं ताकि उन्हें ऊर्जा मिल सके।


यह कैंसर के संदर्भ में महत्वपूर्ण है, क्योंकि कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने और फैलने के लिए अधिक ग्लूकोज की आवश्यकता होती है। ये कोशिकाएं हमारे शरीर से शुगर चुराकर खुद को विकसित करती हैं।


अध्ययन में यह पाया गया कि जब हम उच्च-तीव्रता वाली एक्सरसाइज करते हैं, तो हमारी मांसपेशियां कैंसर कोशिकाओं की इस 'चोरी' को रोक देती हैं। वे रक्त से इतनी अधिक शुगर ले लेती हैं कि ट्यूमर को अपनी आवश्यक पोषण नहीं मिल पाती। सरल शब्दों में कहें तो, हमारी एक्सरसाइज कैंसर कोशिकाओं को 'भूखा' कर देती है, जिससे उनकी वृद्धि धीमी या रुक जाती है।


यह अध्ययन ऑस्ट्रेलिया के एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी (ECU) के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया है और यह एक महत्वपूर्ण संदेश देता है। एक स्वस्थ जीवनशैली, जिसमें नियमित और उच्च-तीव्रता वाली कसरत शामिल है, न केवल हमें बेहतर दिखने में मदद करती है, बल्कि हमें गंभीर बीमारियों से लड़ने के लिए भी तैयार करती है। यह कैंसर का इलाज नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से कैंसर से बचाव और उसके खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है।