शिमला में आवारा कुत्तों के लिए स्मार्ट कॉलर और जीपीएस ट्रैकिंग अभियान

शिमला में अनोखा अभियान
शिमला/ऊषा शर्मा- शिमला नगर निगम ने आवारा कुत्तों की बढ़ती समस्या से निपटने के लिए एक अनोखा अभियान शुरू करने की योजना बनाई है। इस पहल के तहत, शहर के लगभग 4,000 आवारा कुत्तों को क्यूआर कोड और जीपीएस आधारित स्मार्ट कॉलर पहनाए जाएंगे। यह तकनीक कुत्तों की गतिविधियों और स्वास्थ्य पर नजर रखने में मदद करेगी, साथ ही टीकाकरण से जुड़ी जानकारी भी प्रदान करेगी। इस प्रकार, शिमला उत्तर भारत का पहला शहर बन जाएगा, जहां इस तरह की डिजिटल पहचान और ट्रैकिंग की जाएगी। नगर निगम के वेटनरी पब्लिक हेल्थ ऑफिसर डॉ. राहुल नेगी ने बताया कि स्मार्ट कॉलर लगाने का यह अभियान जल्द ही शुरू होगा।
कॉलर में लगे क्यूआर कोड को स्कैन करने पर कुत्ते की उम्र, स्वास्थ्य, नसबंदी, टीकाकरण और व्यवहार से जुड़ी जानकारी प्राप्त होगी। जीपीएस तकनीक से यह पता लगाया जा सकेगा कि कौन सा कुत्ता किस क्षेत्र में घूम रहा है और उसकी गतिविधियां कैसी हैं। डॉ. नेगी ने कहा कि इस पहल से हर कुत्ते का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा, जिससे समय पर टीकाकरण और देखभाल सुनिश्चित होगी। नगर निगम के महापौर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि इस अभियान में कुत्तों की नसबंदी, टीकाकरण और नंबरिंग की जाएगी। आक्रामक या बार-बार काटने वाले कुत्तों को चिन्हित कर टूटीकंडी डॉग हॉट में स्थानांतरित किया जाएगा ताकि लोगों को सुरक्षित माहौल मिल सके।
उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयास है, जिसमें वैक्सीनेशन, स्टरलाइजेशन और डिजिटलाइजेशन को एक साथ जोड़ा गया है। वर्तमान में शहर में 4,000 से अधिक आवारा कुत्ते हैं और हर महीने 100 से अधिक डॉग बाइट केस आईजीएमसी और डीडीयू अस्पताल में दर्ज होते हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। निगम को उम्मीद है कि स्मार्ट कॉलर तकनीक से लोगों की सुरक्षा बढ़ेगी और कुत्तों के काटने की घटनाओं पर नियंत्रण होगा। इसके साथ ही, शिमला में 15 से 29 अगस्त तक मेगा डॉग वैक्सीनेशन ड्राइव भी चल रही है, जिसका शुभारंभ उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने रिज मैदान से किया। इस अभियान में नगर निगम, पशुपालन विभाग, ह्यूमेन पीपल एनजीओ और अंतरराष्ट्रीय संगठन मिशन रैबीज़ मिलकर काम कर रहे हैं। इसमें शहर के सभी 34 वार्डों में लगभग 4,000 कुत्तों को एंटी-रेबीज़ का टीका लगाया जा रहा है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह कदम राजधानी और पर्यटन नगरी शिमला में लोगों को बड़ी राहत देगा और आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करने में मदद करेगा।