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शिवरात्रि पर जलाभिषेक और तीज महोत्सव का आयोजन

भिवानी में हनुमान जोहड़ी मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर जलाभिषेक और तीज महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बालयोगी महंत चरणदास महाराज ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया, जिसके बाद महिलाओं ने मंगल गीत गाए। शिवरात्रि का पर्व भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है, जो आध्यात्मिक जागरण का संदेश देता है। तीज महोत्सव का उद्देश्य भारतीय संस्कृति को बढ़ावा देना और जनकल्याण के कार्यों को प्रोत्साहित करना है।
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शिवरात्रि पर जलाभिषेक और तीज महोत्सव का आयोजन

शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व


  • शिवरात्रि का पर्व आध्यात्मिक जागरण और आत्म-शुद्धि का संदेश देता है: चरणदास महाराज


भिवानी: हनुमान ढ़ाणी में स्थित हनुमान जोहड़ी मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर और युवा जागृति एवं जनकल्याण मिशन ट्रस्ट के स्वामी विवेकानंद सभागार में 25 से 27 जुलाई तक तीन दिवसीय तीज मेला महोत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भजन-गीत का आयोजन किया गया।


तीज महोत्सव का आयोजन

कार्यक्रम की शुरुआत बालयोगी महंत चरणदास महाराज द्वारा शिवलिंग पर जलाभिषेक से हुई। इसके बाद कई महिलाओं ने तीज महोत्सव के उपलक्ष्य में मंगल गीत गाए। इस दौरान मंदिर परिसर में भक्तिमय वातावरण बना रहा। महंत चरणदास महाराज ने बताया कि शिवरात्रि भगवान शिव और देवी पार्वती के मिलन का प्रतीक है, जो आध्यात्मिक जागरण और आत्म-शुद्धि का संदेश देता है।


तीज मेला महोत्सव की विशेषताएँ


तीज का पर्व महिलाओं के लिए विशेष महत्व रखता है, जो सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना के साथ मनाया जाता है। महंत ने बताया कि 25 जुलाई से शुरू होने वाले तीन दिवसीय तीज मेला महोत्सव में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, धार्मिक अनुष्ठान और भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं में भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति जागरूकता बढ़ाना और जनकल्याण के कार्यों को प्रोत्साहित करना है।