शुक्र प्रदोष व्रत: धन संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए उपाय

5 सितंबर को मनाया जाएगा प्रदोष व्रत
प्रदोष व्रत से धन की समस्याएं होंगी दूर
Pradosh Vrat Upaay, नई दिल्ली: शुक्र प्रदोष व्रत करने से आपकी आर्थिक परेशानियाँ समाप्त हो सकती हैं और भगवान शिव के आशीर्वाद से मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होगी। शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है, और शुक्र ग्रह धन और समृद्धि का प्रतीक है। यदि आप धन की कमी का सामना कर रहे हैं, तो इस प्रदोष व्रत के दौरान दिए गए उपायों का पालन करें। हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत का आयोजन किया जाता है।
सुख-समृद्धि की प्राप्ति
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि 5 सितंबर को प्रात: 4:08 बजे से शुरू होगी और इसका समापन 6 सितंबर को प्रात: 3:12 बजे होगा। इस प्रकार, प्रदोष व्रत 5 सितंबर को मनाया जाएगा। प्रदोष काल आमतौर पर सूर्यास्त से 45 मिनट पहले से लेकर 45 मिनट बाद तक होता है। इस समय भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करने से सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है।
पूजा विधि
- प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग का पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर) से अभिषेक करें।
- शिव जी को बेलपत्र, फल, फूल, धूप-दीप और नैवेद्य अर्पित करें।
- गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
- रात में शिव मंदिर में दीपक जलाना विशेष महत्व रखता है, जिससे धन प्राप्ति के योग बनते हैं।
- धन की कमी को दूर करने के लिए, शिवलिंग पर अक्षत, गंगाजल, दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर चढ़ाना शुभ माना जाता है।
- बेलपत्र, धतूरा और सुगंधित तेल चढ़ाने से भी धन-धान्य की वृद्धि होती है।
- शिवलिंग पर सुगंधित तेल चढ़ाने से व्यक्ति को धन-धान्य और भौतिक सुख प्राप्त होते हैं।
- शिवलिंग पर लौंग का जोड़ा, सफेद चंदन या अरहर दाल चढ़ाने से भी धन की कमी दूर होती है।
- इस दिन शिव चालीसा का पाठ और शिव जी के मंत्रों का जप करें।
- महादेव को खीर, दही या सूजी के हलवे का भोग लगाएं और घी का दीपक जलाकर शिव जी की आरती करें।
इन बातों का ध्यान रखें
- इस दिन नमक का सेवन न करें।
- जो व्रत नहीं कर रहे हैं, वे मांस और मदिरा से दूर रहें।
- प्रदोष व्रत की पूजा में काले रंग के कपड़े न पहनें।
- शिवलिंग पर टूटे हुए चावल, तुलसी, और सिंदूर न चढ़ाएं।
- पूजा के दौरान नकारात्मक विचारों से बचें।
- झगड़ा करने, झूठ बोलने, या किसी का अहित करने से बचें।