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शुक्राणुओं की कमी: कारण और समाधान

आजकल पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी एक गंभीर समस्या बनती जा रही है, जिसका मुख्य कारण जीवनशैली और खान-पान में बदलाव है। यदि वीर्य में शुक्राणुओं की संख्या 1.5 करोड़ से कम है, तो यह गर्भधारण में बाधा डाल सकता है। इस लेख में हम जानेंगे कि बीड़ी, सिगरेट, मोटापा और लैपटॉप का गोद में रखना जैसे कारक कैसे शुक्राणुओं की कमी का कारण बनते हैं और इससे बचने के उपाय क्या हैं।
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शुक्राणुओं की कमी: कारण और समाधान

शुक्राणुओं की कमी की समस्या

समाचार: वर्तमान समय में पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी एक आम समस्या बनती जा रही है, जिसका मुख्य कारण हमारी बदलती जीवनशैली और खान-पान है। यदि किसी पुरुष के वीर्य में 1 मिलीलीटर में शुक्राणुओं की संख्या 1.5 करोड़ से कम है, तो इसे शुक्राणुओं की कमी माना जाता है। इस स्थिति में, गर्भधारण की संभावना बहुत कम हो जाती है। आइए जानते हैं कि शुक्राणुओं की कमी के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।



1) बीड़ी और सिगरेट का सेवन


जो पुरुष नियमित रूप से बीड़ी और सिगरेट का सेवन करते हैं, उनमें शुक्राणुओं की कमी होने की संभावना अधिक होती है। इसका सीधा असर उनके यौन संबंधों पर पड़ सकता है। इसलिए, बीड़ी और सिगरेट का सेवन कम से कम करना चाहिए। बेहतर होगा कि इन्हें पूरी तरह से छोड़ दें।


2) मोटापा


यदि कोई पुरुष अधिक वजन का है, तो उसकी ऊर्जा का अधिकांश हिस्सा उसके शरीर पर खर्च होता है, जिससे हार्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है। यह स्थिति उनके यौन जीवन पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है। इसलिए, हर पुरुष को स्वस्थ और फिट रहना चाहिए।


3) लैपटॉप गोद में रखना


कई लोग अपने लैपटॉप को गोद में रखकर काम करने की आदत डाल लेते हैं, लेकिन यह उनकी सेहत और यौन संबंधों पर बुरा असर डाल सकता है। अंडाशय को अधिक गर्म करने से शुक्राणुओं की संख्या में कमी आ सकती है। इसलिए, लैपटॉप या मोबाइल को गोद में रखकर काम करने से बचना चाहिए।