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श्रीनगर की जामा मस्जिद पर बकरीद के दिन ताला, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की असहायता

इस साल बकरीद पर श्रीनगर की जामा मस्जिद का ताला नहीं खुला, जिससे मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने अपनी असहायता व्यक्त की है और मस्जिद के बंद रहने के कारणों पर चिंता जताई है। पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी इस निर्णय पर सवाल उठाते हुए इसे मजहब के खिलाफ बताया। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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श्रीनगर की जामा मस्जिद पर बकरीद के दिन ताला, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की असहायता

जामा मस्जिद का ताला और मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया

श्रीनगर। इस वर्ष बकरीद के अवसर पर भी श्रीनगर की जामा मस्जिद का ताला नहीं खुला, जिससे राज्य के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला सवालों के घेरे में आ गए हैं। उन्होंने अपनी असहायता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें नहीं पता कि मस्जिद क्यों बंद है। विधानसभा चुनाव के बाद एक लोकप्रिय सरकार के गठन की उम्मीद थी कि इस बार मस्जिद खुल सकती है, लेकिन जामा मस्जिद लगातार सातवें साल ईद उल अजहा पर बंद रही।


अनुच्छेद 370 का प्रभाव

यह ध्यान देने योग्य है कि 2019 में अनुच्छेद 370 के हटने के बाद सुरक्षा कारणों से जामा मस्जिद पर ताला लगा हुआ है। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस स्थिति पर निराशा व्यक्त की है। उन्होंने कहा, 'मुझे जामा मस्जिद बंद रखने के निर्णय का कारण नहीं पता, लेकिन हमें अपने लोगों पर विश्वास करना सीखना होगा। ये वही लोग हैं जिन्होंने पहलगाम हमले का विरोध किया था। केंद्र को जामा मस्जिद में नमाज की अनुमति देने पर विचार करना चाहिए।'


महबूबा मुफ्ती की प्रतिक्रिया

पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने भी मस्जिद के बंद रहने के निर्णय पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, 'ईद के दिन जामा मस्जिद पर ताला लगाना हमारे मजहब के खिलाफ है।' इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को नजरबंद किया गया है। उल्लेखनीय है कि श्रीनगर के नौहट्टा में स्थित जामा मस्जिद जम्मू कश्मीर की सबसे बड़ी मस्जिद है, जिसे शुक्रवार मस्जिद भी कहा जाता है।