सना मकबूल की स्वास्थ्य स्थिति: लिवर सिरोसिस से जूझ रही हैं अभिनेत्री

सना मकबूल का स्वास्थ्य संकट
Sana Makbul Liver Cirrhosis: बिग बॉस ओटीटी 3 की विजेता और प्रसिद्ध अभिनेत्री सना मकबूल हाल ही में अपनी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के कारण चर्चा में हैं। 32 वर्षीय सना को लिवर सिरोसिस जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ रहा है, जो उनकी पुरानी ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस की जटिलताओं के कारण उत्पन्न हुई है। हाल ही में उनकी स्थिति बिगड़ने पर उन्हें मुंबई के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। सना ने एक समाचार पत्र को बताया, "मैं बिना लिवर ट्रांसप्लांट के ठीक होना चाहती हूं। यह एक कठिन प्रक्रिया है, लेकिन मैं उम्मीद नहीं छोड़ रही।"
ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से जूझना
सना मकबूल को हुई ये गंभीर बीमारी
सना 2020 से ऑटोइम्यून हेपेटाइटिस से ग्रसित हैं, जिसमें उनकी प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से उनके लिवर पर हमला करती है, जिससे सूजन और क्षति होती है। उन्होंने कहा, "हाल ही में मेरी स्थिति और बिगड़ गई, जिसके कारण लिवर सिरोसिस का पता चला। मैंने इम्यूनोथेरेपी शुरू की है और डॉक्टरों के साथ मिलकर हर संभव प्रयास कर रही हूं ताकि ट्रांसप्लांट की आवश्यकता न पड़े।"
लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता
लिवर ट्रांसप्लांट करने की आई नौबत
सना ने यह भी स्वीकार किया कि यह यात्रा आसान नहीं है। उन्होंने कहा, "कुछ दिन मैं रोती हूं, कुछ दिन हंसती हूं, लेकिन हर दिन कोशिश करती हूं।" सना ने मार्च 2025 में एक पॉडकास्ट में अपनी बीमारी के बारे में खुलासा किया था। उन्होंने बताया कि वह इस स्थिति को दवाइयों, स्टेरॉयड और इम्यूनोसप्रेसेंट्स के माध्यम से संभाल रही थीं। स्वास्थ्य कारणों से उन्होंने हाल ही में शाकाहारी आहार अपनाया है। सना की स्थिति ने उनके काम को भी प्रभावित किया है, जिसके कारण उन्हें कई प्रोजेक्ट्स रोकने पड़े। उन्होंने कहा, "मैंने कड़ी मेहनत से सफलता हासिल की थी, लेकिन अब मेरी सेहत मुझे पीछे खींच रही है।"
सकारात्मकता और समर्थन
सना की हिम्मत और सकारात्मकता ने उनके प्रशंसकों का दिल जीत लिया है। अस्पताल से उनकी एक तस्वीर वायरल होने के बाद, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फैंस से दुआएं मांगी। सना को उनकी ताकत और धैर्य के लिए सराहा गया है। उनकी तुलना अभिनेत्री सामंथा रुथ प्रभु से की जा रही है, जो मायोसिटिस नामक ऑटोइम्यून बीमारी से जूझ रही हैं। सना की कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि गंभीर बीमारी के बावजूद हार न मानने का जज्बा कितना महत्वपूर्ण है।