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सर्दियों में जोड़ों के दर्द के कारण और रोकथाम के उपाय

सर्दियों में जोड़ों के दर्द का अनुभव कई लोगों के लिए आम है, चाहे उन्हें गठिया हो या न हो। इस लेख में, हम सर्दियों में जोड़ों के दर्द के विभिन्न कारणों जैसे वजन बढ़ना, विटामिन-डी की कमी, और प्रदूषण के प्रभाव पर चर्चा करेंगे। साथ ही, हम कुछ सरल उपाय भी साझा करेंगे, जिनसे आप अपने जोड़ों के दर्द को कम कर सकते हैं। जानें कैसे एक स्वस्थ दिनचर्या और खानपान आपके दर्द को कम कर सकता है।
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सर्दियों में जोड़ों के दर्द के कारण और रोकथाम के उपाय

सर्दियों में जोड़ों के दर्द का अनुभव

सर्दियों में हमारा शरीर उतना सक्रिय नहीं रहता जितना गर्मियों में होता है। सुबह उठते समय कई लोगों को शरीर में अकड़न का अनुभव होता है, और यह समस्या उन लोगों को भी हो सकती है जिन्हें गठिया या आर्थराइटिस नहीं है। अव्यवस्थित जीवनशैली के कारण भी जोड़ों में दर्द महसूस किया जा सकता है। इसके पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि तापमान में गिरावट और हवा का दबाव कम होना, जिससे मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसके अलावा, चटपटे और तले हुए खाद्य पदार्थों के सेवन से वजन बढ़ने का खतरा भी रहता है।


जोड़ों के तरल पदार्थ

सर्दियों में शारीरिक गतिविधियों में कमी आने से रक्त संचार प्रभावित होता है।


वजन का बढ़ना

सर्दी के मौसम में लोग अक्सर खानपान के प्रति लापरवाह हो जाते हैं, जिससे अधिक तेल और मसालेदार भोजन के कारण वजन बढ़ने का खतरा बढ़ जाता है।


विटामिन-डी की कमी

भारतीयों में आमतौर पर विटामिन-डी की कमी होती है, और सर्दियों में धूप की कमी इसे और बढ़ा देती है।


प्रदूषण का प्रभाव

प्रदूषण भी जोड़ों के दर्द को बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण कारक है। जिन लोगों को आर्थराइटिस है, वे प्रदूषण के कारण अधिक दर्द महसूस कर सकते हैं।


धूम्रपान का प्रभाव

धूम्रपान से जोड़ों की रक्षा करने वाले ऊतकों पर दबाव पड़ सकता है, इसलिए दर्द से बचने के लिए धूम्रपान से दूर रहना चाहिए।


दैनिक दिनचर्या में सुधार

  • शारीरिक गतिविधियों को बनाए रखें। आर्थराइटिस के मरीज भी हल्के व्यायाम करते रहें ताकि जोड़ों में द्रव जमा न हो सके।
  • खानपान में सावधानी बरतें ताकि वजन न बढ़े और जोड़ों पर कम दबाव पड़े। तले हुए और मसालेदार भोजन से बचें।
  • सर्दियों में घर पर योग और सूर्य नमस्कार करें, जिससे जोड़ों के दर्द में कमी आ सकती है।
  • सर्दियों में धूप का सेवन करें ताकि विटामिन-डी की कमी न हो। यदि कमी हो, तो चिकित्सक से संपर्क कर पूरक लें।
  • शरीर में पानी की कमी न होने दें, क्योंकि सर्दियों में भी डिहाइड्रेशन का खतरा रहता है।
  • जोड़ों की सिकाई करें, जिससे दर्द में राहत मिल सकती है।