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सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हरसिंगार का उपयोग

सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या आम हो जाती है, जो केवल वृद्धों तक सीमित नहीं है। 30 से 35 वर्ष के युवा भी इससे प्रभावित होते हैं। इस लेख में हरसिंगार के औषधीय गुणों और इसके उपयोग के तरीकों के बारे में जानकारी दी गई है। जानें कैसे यह पौधा जोड़ों के दर्द और आर्थराइटिस में राहत प्रदान कर सकता है।
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सर्दियों में जोड़ों के दर्द से राहत के लिए हरसिंगार का उपयोग

सर्दियों में जोड़ों के दर्द की समस्या


नई दिल्ली: सर्दियों में हड्डियों और जोड़ों में दर्द एक सामान्य समस्या बन जाती है। ठंड के मौसम में कई लोगों को चलने-फिरने, उठने-बैठने और दैनिक कार्यों में कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यह समस्या केवल वृद्ध लोगों तक सीमित नहीं है, बल्कि 30 से 35 वर्ष के युवा भी हड्डियों की कमजोरी, जकड़न और दर्द से प्रभावित हो रहे हैं।


दर्द के कारण

इसका मुख्य कारण कैल्शियम और विटामिन डी की कमी है। इनकी कमी से हड्डियां कमजोर हो जाती हैं और शरीर में दर्द बढ़ने लगता है। आर्थराइटिस, यानी गठिया, भी एक सामान्य कारण है, जिसमें जोड़ों में सूजन और अकड़न होती है। इसके अलावा, लंबे समय तक बैठे रहना, कम शारीरिक गतिविधि, पानी की कमी और अधिक वजन भी इस समस्या को बढ़ाते हैं।


आयुर्वेद में समाधान

आयुर्वेद में क्या है इसका उपाय?


जोड़ों के दर्द के बढ़ने से चलना मुश्किल हो जाता है और सामान्य जीवन प्रभावित होता है। इस स्थिति में, आयुर्वेद एक सरल और प्राकृतिक उपाय प्रदान करता है। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, हरसिंगार एक ऐसा पौधा है जो जोड़ों के दर्द, आर्थराइटिस और मांसपेशियों की जकड़न में बहुत प्रभावी माना जाता है। इसे नाइट जैस्मिन भी कहा जाता है।


हरसिंगार के गुण

हरसिंगार की क्या है खासियत?


कई आयुर्वेदिक ग्रंथों में हरसिंगार के औषधीय गुणों का उल्लेख किया गया है। इसके पत्ते, फूल और जड़ सभी शरीर के लिए लाभकारी माने जाते हैं। हरसिंगार के पत्तों में फाइटोकेमिकल्स, फ्लेवोनॉयड्स और ग्लाइकोसाइड्स होते हैं, जो शरीर में सूजन को कम करने में मदद करते हैं। यह जोड़ों में जमा टॉक्सिन्स को निकालने और यूरिक एसिड को कम करने में भी सहायक है।


हरसिंगार का उपयोग कैसे करें?

कैसे करें इसका उपयोग?


यह पौधा वात दोष को संतुलित करने वाला माना जाता है, इसलिए जोड़ों के दर्द और गठिया में प्राकृतिक लाभ प्रदान करता है। इसे उपयोग करने का पहला तरीका काढ़ा बनाना है। इसके लिए हरसिंगार के चार से पांच ताजे पत्तों को हल्का कूटकर दो गिलास पानी में उबालें। जब पानी आधा रह जाए, तो इसे छानकर सुबह और शाम पिएं। यह काढ़ा सूजन और दर्द को कम करने में प्रभावी है।


हरसिंगार के अन्य उपयोग

क्या है इसका दूसरा तरीका?


दूसरा तरीका इसका रस पीना है। ताजे पत्तों का रस निकालकर एक चम्मच रस को पानी के साथ दिन में एक बार पिएं। इससे बढ़ा हुआ वात कम होता है और शरीर में हल्कापन महसूस होता है। तीसरा तरीका हरसिंगार के पत्तों का पेस्ट बनाकर उसे दर्द वाली जगह पर लगाना है। यह पेस्ट सूजन कम करने और दर्द को शांत करने में मददगार है।


चौथा तरीका पत्ते, फूल और टहनियों का मिश्रित काढ़ा बनाकर नियमित सेवन करना है। यह आर्थराइटिस और पुराने दर्द में राहत देने में सहायक माना जाता है।