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सर्दियों में तिल के तेल के अद्भुत फायदे

सर्दियों में तिल के तेल का उपयोग न केवल त्वचा को पोषण देता है, बल्कि यह जोड़ों के दर्द में भी राहत प्रदान करता है। आयुर्वेद के अनुसार, यह तेल शरीर को गर्म रखने और वात को कम करने में मदद करता है। जानें इसके अद्भुत लाभ और उपयोग के तरीके, जो आपकी सेहत के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।
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सर्दियों में तिल के तेल के अद्भुत फायदे

तिल के तेल का महत्व

प्राकृतिक तेलों में जैतून का तेल और अन्य तेलों के अपने विशेष लाभ होते हैं। सर्दियों में तेल से अभ्यंग करने का महत्व तो सभी जानते हैं, लेकिन यह जानना जरूरी है कि इस मौसम में कौन सा तेल सबसे अधिक फायदेमंद है।


आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों में तिल का तेल सबसे गुणकारी माना जाता है। यह न केवल त्वचा की सुरक्षा करता है, बल्कि जोड़ों के दर्द में भी राहत प्रदान करता है।


तिल का तेल केवल एक साधारण तेल नहीं है, बल्कि यह सर्दियों में शरीर के लिए एक प्राकृतिक कवच का काम करता है। यह शरीर को गर्म रखने के साथ-साथ त्वचा को पोषण देकर उसे युवा बनाए रखने में मदद करता है। इसके अलावा, यह मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द से भी राहत दिलाता है। आयुर्वेद में यह माना गया है कि तिल का तेल सर्दियों में बढ़ने वाले वात को कम करता है, जिससे गठिया, जोड़ों में दर्द और नींद न आने की समस्याएं होती हैं। ऐसे में तिल के तेल से अभ्यंग करने से इन सभी समस्याओं में आराम मिल सकता है।


आयुर्वेद के अनुसार, तिल का तेल इतना प्रभावी होता है कि जब इसे त्वचा पर लगाया जाता है, तो यह त्वचा की सात परतों को पार करके गहराई तक असर करता है। इसमें सेसामोल, सेलमिन और विटामिन ई की भरपूर मात्रा होती है, जो त्वचा को प्राकृतिक रूप से पोषण देती है। इससे त्वचा का रूखापन, झुर्रियां और सर्दियों में होने वाली दरारें कम होती हैं। सेसामोल और सेलमिन मिलकर त्वचा को अंदर से पोषण देते हैं।


भारतीय संस्कृति में तिल के तेल का उपयोग उबटन में सदियों से किया जाता रहा है, क्योंकि यह धूप में मौजूद यूवी किरणों से भी सुरक्षा प्रदान करता है। यह हमारी त्वचा पर एक सनस्क्रीन की तरह कार्य करता है। इसके उपयोग से त्वचा पर एक पतली परत बन जाती है, जो 24 घंटे तक बनी रहती है और त्वचा की रक्षा करती है। यह विशेषता नारियल या जैतून के तेल में नहीं पाई जाती।


तिल के तेल का उपयोग हड्डियों को मजबूत बनाने में भी सहायक होता है। सर्दियों में जोड़ों के दर्द और गठिया की समस्याएं बढ़ जाती हैं। ऐसे में सुबह और शाम तिल के तेल से अभ्यंग करना लाभकारी होता है।