सर्दियों में बथुआ: सेहत के लिए अद्भुत लाभ और सावधानियां
बथुआ: सर्दियों का सुपरफूड
नई दिल्ली: जैसे ही सर्दियों का मौसम आता है, बाजार ताजगी से भरी हरी सब्जियों से सज जाता है, जिसमें बथुआ प्रमुखता से नजर आता है। यह साधारण दिखने वाला हरा पत्ता वास्तव में स्वाद और स्वास्थ्य का खजाना है। दादी-नानी के जमाने से बथुए का साग, पराठा और रोटी सर्दियों की थाली में एक खास स्थान रखता है।
आयुर्वेद में बथुए को एक प्राकृतिक डिटॉक्सिफायर माना जाता है। यह न केवल शरीर को अंदर से मजबूत बनाता है, बल्कि कई बीमारियों में भी प्रभावी होता है। आइए जानते हैं इस पौष्टिक साग के फायदों, इसके गुणों और किन लोगों को इसे सीमित मात्रा में खाना चाहिए।
बथुआ के सेवन से दूर होती हैं ये समस्याएं
बथुआ विटामिन A, C, आयरन और कैल्शियम का एक उत्कृष्ट स्रोत है। यह पाचन को सुधारने और कब्ज को दूर करने में विशेष रूप से प्रभावी है।
गैस
एसिडिटी
पेट भारीपन
इन समस्याओं से ग्रस्त लोगों के लिए बथुआ किसी औषधि से कम नहीं है। यह रक्त को साफ करता है, जिससे त्वचा पर निखार आता है। मुंहासे, खुजली और रैशेज जैसी त्वचा संबंधी समस्याओं में भी यह जल्दी राहत प्रदान करता है। बथुए का रस लिवर को मजबूत बनाता है और शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है।
जो लोग जोड़ों के दर्द, गठिया या उच्च रक्तचाप से परेशान हैं, वे इसे अपनी सर्दियों की डाइट में शामिल कर सकते हैं। यह इम्यूनिटी को बढ़ाने और शरीर को गर्म रखने में भी सहायक है।
बथुआ की रोटी और पराठे का स्वाद
सर्दियों में बथुआ की रोटी या पराठा विशेष रूप से पसंद किए जाते हैं। देसी घी के साथ गर्मागर्म पराठा न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि यह शरीर को ऊर्जा और गर्मी भी प्रदान करता है। यह सर्द मौसम में पोषण का एक प्राकृतिक तरीका माना जाता है।
किन लोगों को बथुआ नहीं खाना चाहिए?
हालांकि बथुआ की तासीर हल्की गर्म होती है, लेकिन कुछ लोगों के लिए इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है:
किडनी स्टोन: बथुआ में ऑक्सलेट होता है, जो पथरी को बढ़ा सकता है। ऐसे लोगों को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था के दौरान अधिक मात्रा में बथुआ का सेवन नहीं करना चाहिए। सेवन से पहले डॉक्टर से सलाह लेना उचित है।
क्या बथुआ कब्ज में फायदेमंद है?
बथुआ में मौजूद आहार फाइबर आंतों को सक्रिय रखता है।
मल त्याग को आसान बनाता है।
पेट फूलने और कब्ज में राहत देता है।
डाइजेशन को मजबूत बनाता है।
रोजाना सीमित मात्रा में बथुआ का सेवन पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में बेहद लाभकारी है।
