सर्दियों में हार्ट अटैक का खतरा: सुबह के समय सावधान रहने के उपाय
सर्दियों में हार्ट अटैक का बढ़ता खतरा
भारत के कई क्षेत्रों में ठंड का मौसम चल रहा है, जो कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। इस मौसम में हार्ट अटैक का जोखिम भी बढ़ जाता है। अक्सर, ये अटैक सुबह के समय होते हैं, और कई लोग इसके लक्षणों को पहचान नहीं पाते। आइए जानते हैं कि सुबह के समय हार्ट अटैक क्यों अधिक होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है। दिल्ली के मूलचंद मेडसिटी हॉस्पिटल के कार्डियोलॉजी विभाग के एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. तरुण कुमार के अनुसार, सर्दियों में तापमान गिरने से दिल की रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं। सुबह के समय रक्तचाप भी बढ़ता है, जिससे दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। इससे रक्त के थक्के बनने की संभावना भी बढ़ जाती है। उच्च रक्तचाप और बढ़ा हुआ दबाव दिल की धमनियों में प्लाक के फटने का खतरा बढ़ा देता है, जिससे हार्ट अटैक हो सकता है।
सुबह के समय हार्ट अटैक का खतरा
सुबह के समय, शरीर में कोर्टिसोल और एड्रेनालाईन जैसे तनाव हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है, जिससे दिल की धड़कन तेज हो सकती है। जिन व्यक्तियों की धमनियों में पहले से प्लाक जमा है, उन्हें हार्ट अटैक का अधिक खतरा होता है।
किसे है अधिक खतरा?
डॉ. कुमार के अनुसार, जिन लोगों को पहले से उच्च रक्तचाप, उच्च कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह है, उन्हें अधिक खतरा होता है। ऐसे व्यक्तियों को सर्दियों में अपने दिल की सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उनके लिए रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह को नियंत्रित रखना आवश्यक है। हार्ट अटैक के लक्षणों के प्रति जागरूक रहना भी महत्वपूर्ण है। हार्ट अटैक के लक्षणों में शामिल हैं:
सीने में दर्द
सीने में भारीपन
एंटासिड लेने के बाद भी दर्द बना रहना
सीने का दर्द बाएं हाथ तक फैलना
सांस लेने में कठिनाई
जबड़े के बाईं ओर दर्द होना
हार्ट अटैक से बचने के उपाय
खुद को गर्म रखें: ठंडी हवा के सीधे संपर्क से बचें और उचित कपड़े पहनें।
घर के अंदर हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करें।
दिल के लिए स्वस्थ आहार लें, जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और लीन प्रोटीन।
नियमित रूप से अपने रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल और रक्त शुगर स्तर की जांच करें।
यदि आपको सर्दियों में सीने में दर्द या असामान्य थकान महसूस हो, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
