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सर्दी-जुकाम और बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग: जानें खतरे

सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग करते समय सावधानी बरतना आवश्यक है। यह आदत एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) का कारण बन सकती है, जिससे सूक्ष्मजीव दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। यह न केवल भारत, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बन रहा है। एक अध्ययन के अनुसार, एएमआर हर साल लाखों मौतों का कारण बन रहा है। जानें इस समस्या के बारे में और इसके संभावित खतरों के बारे में।
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सर्दी-जुकाम और बुखार के लिए एंटीबायोटिक्स का उपयोग: जानें खतरे

स्वास्थ्य टिप्स: एंटीबायोटिक्स का सावधानीपूर्वक उपयोग

Health Tips: सर्दी-जुकाम और बुखार जैसी सामान्य बीमारियों के लिए मेडिकल स्टोर से एंटीबायोटिक्स खरीदने वाले लोगों को सतर्क रहना चाहिए। यह आदत एंटीमाइक्रोबियल रेजिस्टेंस (एएमआर) का कारण बन सकती है। एएमआर एक ऐसी स्थिति है जिसमें सूक्ष्मजीव जैसे बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोधक क्षमता विकसित कर लेते हैं। इसके परिणामस्वरूप, संक्रमण के बढ़ने पर एंटीबायोटिक्स प्रभावी नहीं रह जाते।


यह समस्या न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरा बनती जा रही है। 2019 और 2021 के बीच लैंसेट द्वारा किए गए एक अध्ययन के अनुसार, एएमआर भारत में हर साल तीन से चार लाख मौतों का कारण बन रहा है। यदि इस पर नियंत्रण नहीं पाया गया, तो 2050 तक मरने वालों की संख्या 20 लाख तक पहुंचने की संभावना है।