सावन 2025 में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका

सावन में भोलेनाथ की पूजा: बेलपत्र का महत्व
सावन 2025: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका: सावन का महीना भोलेनाथ की पूजा का विशेष समय है, और शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना इस पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस पवित्र महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने का इससे बेहतर अवसर नहीं हो सकता। बेलपत्र चढ़ाने से न केवल आपकी इच्छाएं पूरी होती हैं, बल्कि यह धन, समृद्धि और सुख-शांति भी लाता है।
क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका क्या है? क्या इसे उल्टा चढ़ाना चाहिए या सीधा? कितने पत्ते होने चाहिए? ये सभी बातें जानना आवश्यक हैं, अन्यथा आपकी भक्ति अधूरी रह सकती है। आइए, सावन में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए आवश्यक नियम, मंत्र और विधियाँ जानें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ यह जानकारी साझा करें!
बेलपत्र का महत्व और शुभ संख्या
बेलपत्र का महत्व: शिवलिंग पर बेलपत्र भगवान शिव का प्रिय प्रसाद है। शिव पुराण के अनुसार, शिवलिंग पर 3, 5, 11, 21, 51, या 101 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है। ध्यान रखें, हमेशा तीन पत्तियों वाला बेलपत्र चुनें, क्योंकि दो या चार पत्तियों वाले बेलपत्र अशुभ माने जाते हैं।
बेलपत्र की चिकनी सतह पर माता लक्ष्मी का वास होता है, जो धन और समृद्धि लाती हैं। सावन में इन पत्तों को सही संख्या में चढ़ाकर आप भोलेनाथ और लक्ष्मी जी, दोनों की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका
बेलपत्र चढ़ाने के नियम: शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक है। बेलपत्र को हमेशा उल्टा चढ़ाएं, अर्थात चिकनी सतह नीचे और खुरदरी सतह ऊपर होनी चाहिए। इससे शिवलिंग को ठंडक मिलती है और आपकी भक्ति का फल दोगुना होता है। बेलपत्र साफ और बिना कटे-फटे होने चाहिए।
इसे गंगाजल से धोकर, चंदन और अक्षत के साथ अर्पित करें। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाते समय थोड़ा झुकें, ताकि जल या पत्ते आपके पैरों पर न गिरें, क्योंकि यह अशुभ माना जाता है। सावन में ये नियम आपकी भक्ति को और पवित्र बनाएंगे।
बेलपत्र तोड़ने और चढ़ाने के मंत्र
मंत्र पढ़ने का तरीका: बेलपत्र तोड़ते समय यह मंत्र पढ़ें:
“अमृतोद्भव श्रीवृक्ष महादेवप्रियः सदा। गृह्यामि तव पत्राणि शिवपूजार्थमादरात्॥”
चढ़ाते समय बोलें:
“ॐ नमः शिवाय, त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्। त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्॥”
ये मंत्र आपकी भक्ति को गहरा करते हैं और भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं। मंगलवार और रविवार को बेलपत्र न तोड़ें। एक बेलपत्र को तीन बार तक इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते वह किसी अन्य देवता को न चढ़ाया गया हो। सावन में इन मंत्रों के साथ पूजा करें।
सावन में बेलपत्र की खासियत
सावन में बेलपत्र का महत्व: सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का महत्व और भी बढ़ जाता है। मान्यता है कि बेलपत्र में औषधीय गुण होते हैं, जो शिवलिंग की ऊर्जा को संतुलित करते हैं। ये पत्ते नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और मन को शांति देते हैं।
सावन के सोमवार को मंदिरों में भक्तों की भीड़ बेलपत्र और गंगाजल लेकर उमड़ती है। इस पवित्र महीने में बेलपत्र चढ़ाकर आप अपने जीवन की बाधाओं को दूर कर सकते हैं। सावन 2025 में भोलेनाथ की भक्ति में डूबें और अपने अपनों को ये नियम बताएं।