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सीने में दर्द: गैस या हार्ट अटैक? जानें कैसे करें पहचान

सीने में दर्द का अनुभव करना कई बार चिंताजनक हो सकता है। यह जानना जरूरी है कि यह गैस की समस्या है या हार्ट अटैक का संकेत। इस लेख में हम गैस के दर्द और हार्ट अटैक के लक्षणों के बीच के अंतर को समझाते हैं। सही पहचान से आप समय पर उचित कदम उठा सकते हैं। जानें कि कब डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और किन लक्षणों पर ध्यान देना चाहिए।
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सीने में दर्द: गैस या हार्ट अटैक? जानें कैसे करें पहचान

सीने में दर्द की पहचान


कई बार सीने में दर्द होने पर यह समझना चुनौतीपूर्ण हो जाता है कि यह सामान्य गैस की समस्या है या हार्ट अटैक का संकेत। बहुत से लोग इन दोनों के बीच भ्रमित हो जाते हैं, जिससे हार्ट अटैक का सही समय पर पता नहीं चल पाता। हालांकि, कुछ लक्षणों पर ध्यान देकर आप गैस के दर्द और हार्ट अटैक के बीच का अंतर समझ सकते हैं। दर्द की स्थिति और उसकी प्रकृति पर ध्यान देकर आप जान सकते हैं कि यह गैस का दर्द है या हार्ट अटैक। आइए जानते हैं कि कैसे पहचानें कि सीने में दर्द गैस के कारण है या हार्ट अटैक के कारण।


गैस के दर्द और हार्ट अटैक में अंतर

गैस का दर्द:


यदि दर्द गैस के कारण है, तो डकार लेने, गैस पास करने या सीधे बैठने से आराम मिलता है। यह दर्द पेट के ऊपरी हिस्से से शुरू होकर सीने तक फैल सकता है। यह तेज, ऐंठन या जलन जैसा महसूस होता है और आमतौर पर भारी भोजन या गैस बनाने वाले पेय के बाद होता है। यह दर्द कुछ समय बाद कम हो जाता है।


हार्ट अटैक के लक्षण

हार्ट अटैक:


हार्ट अटैक का दर्द गैस पास करने, डकार लेने या करवट बदलने से कम नहीं होता। यह दर्द स्थायी रहता है या बढ़ता है। यह छाती के मध्य या बाईं ओर से शुरू होता है और बाएँ हाथ, जबड़े, गर्दन, पीठ या कंधे तक फैल सकता है। यह दर्द भारीपन, दबाव या सिकुड़न जैसा महसूस होता है और 10 मिनट से अधिक समय तक बना रहता है। यह शारीरिक गतिविधियों, तनाव या उच्च रक्तचाप के कारण हो सकता है।


लक्षणों पर ध्यान दें

गैस की समस्या:


पेट फूलना, बार-बार डकार आना, खाने के बाद बेचैनी महसूस होना।


हार्ट अटैक के लक्षण:


साँस लेने में कठिनाई, ठंडा पसीना आना, चक्कर आना या बेहोशी आना, मतली या उल्टी।


दर्द होने पर क्या करें?

यदि दर्द गैस जैसा महसूस हो और डकार लेने या गैस पास करने से आराम मिले, तो चिंता की कोई बात नहीं है। लेकिन यदि दर्द बना रहे, सीने में भारीपन हो, सांस लेने में कठिनाई हो या अन्य गंभीर लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। दिल का दौरा पड़ने पर हर मिनट महत्वपूर्ण होता है, इसलिए देरी न करें।