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सुप्रीम कोर्ट का आदेश: आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने का आदेश दिया है, जिसमें अस्पताल, स्कूल और रेलवे स्टेशन शामिल हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि आवारा जानवरों को तुरंत हटाया जाए और उन्हें आश्रय गृह भेजा जाए। इस कार्य के लिए केवल 8 हफ्तों का समय दिया गया है। जानें इस आदेश के पीछे की वजह और आगे की प्रक्रिया के बारे में।
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सुप्रीम कोर्ट का आदेश: आवारा कुत्तों को सार्वजनिक स्थलों से हटाने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट का सख्त आदेश

भारत के विभिन्न राज्यों में सड़कों और अस्पतालों जैसे सार्वजनिक स्थानों पर घूम रहे आवारा कुत्तों के संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को निर्देश दिया है कि हाईवे और सड़कों से आवारा जानवरों को तुरंत हटाया जाए। दरअसल, इस मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों, बस स्टैंडों, खेल परिसरों और रेलवे स्टेशनों से आवारा कुत्तों और अन्य जानवरों को हटाने का आदेश दिया है और उन्हें आश्रय गृह भेजने का निर्देश दिया है। इस कार्य के लिए कोर्ट ने केवल 8 हफ्तों का समय निर्धारित किया है।


सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह भी निर्देश दिया है कि वे राजमार्ग गश्ती दल का गठन करें, जो सड़कों से आवारा पशुओं को पकड़कर उन्हें आश्रय गृह में भेजेगा, जहां उनकी देखभाल की जाएगी। आवारा कुत्तों से संबंधित मामले की अगली सुनवाई 13 जनवरी को होगी।


कुत्तों को वापस उसी स्थान पर न छोड़ा जाए

न्यायमूर्ति विक्रम नाथ, न्यायमूर्ति संदीप मेहता और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया की पीठ ने स्पष्ट किया कि आवारा कुत्तों को उसी स्थान पर वापस नहीं छोड़ा जाना चाहिए जहां से उन्हें उठाया गया था। इसके अलावा, शीर्ष न्यायालय ने न्यायमित्र द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट को रिकॉर्ड में शामिल करने का आदेश दिया है।


मवेशियों को हटाने का निर्देश

सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान उच्च न्यायालय के उन निर्देशों की पुष्टि की, जिनमें राज्य सरकार के अधिकारियों, नगरपालिका अधिकारियों और सड़क एवं परिवहन अधिकारियों को राजमार्गों और एक्सप्रेसवे से मवेशियों को हटाकर उन्हें आश्रय स्थल में रखने का आदेश दिया गया था।