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सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे पर एएआईबी रिपोर्ट को लेकर उठाए सवाल

सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया एआई171 विमान दुर्घटना की प्रारंभिक रिपोर्ट पर गंभीर टिप्पणियाँ की हैं। अदालत ने 'फ्यूल कट-ऑफ' के उल्लेख को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और पायलटों पर आरोप लगाने की प्रक्रिया पर सवाल उठाए। याचिका दायर करने वाले एनजीओ ने जांच में डीजीसीए अधिकारियों की भागीदारी को हितों के टकराव के रूप में देखा है। इस हादसे में 265 लोगों की जान गई थी, जिसमें विभिन्न देशों के नागरिक शामिल थे। जानें इस मामले में अदालत की क्या टिप्पणियाँ हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे पर एएआईबी रिपोर्ट को लेकर उठाए सवाल

एयर इंडिया विमान दुर्घटना पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी

एयर इंडिया विमान दुर्घटना: सुप्रीम कोर्ट ने 12 जून को अहमदाबाद में घटित एयर इंडिया एआई171 विमान हादसे की प्रारंभिक रिपोर्ट पर एएआईबी (एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो) की गंभीर टिप्पणियां की हैं। अदालत ने कहा कि रिपोर्ट में 'फ्यूल कट-ऑफ' का उल्लेख बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गैर-जिम्मेदाराना है, जिससे पायलटों पर गलती का आरोप लगाया जा रहा है। इस मामले में अदालत ने केंद्र सरकार और डीजीसीए से स्पष्टीकरण मांगा है।


यह याचिका एविएशन सेफ्टी एनजीओ 'सेफ्टी मैटर्स फाउंडेशन' द्वारा दायर की गई है, जिसमें अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पैरवी की। संगठन का कहना है कि जांच टीम में डीजीसीए अधिकारियों का समावेश हितों के टकराव का कारण बनता है, जिससे जांच की विश्वसनीयता प्रभावित होती है।


पायलटों पर अनुचित आरोप

याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि एएआईबी की 12 जुलाई की प्रारंभिक रिपोर्ट ने पायलटों को अनुचित रूप से दोषी ठहराया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 'फ्यूल कटऑफ स्विच' को रन से कटऑफ पर ले जाया गया था, जबकि आवश्यक साक्ष्य जैसे कि डिजिटल फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (DFDR), कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) के टाइमस्टैम्प सहित सभी ट्रांसक्रिप्ट और इलेक्ट्रॉनिक एयरक्राफ्ट फॉल्ट रिकॉर्डिंग (EAFR) डेटा को सार्वजनिक नहीं किया गया। याचिका में यह भी कहा गया है कि इन महत्वपूर्ण जानकारियों को छिपाना पारदर्शिता और जवाबदेही के सिद्धांतों का उल्लंघन है, जो नागरिकों के जीवन और उनके मौलिक अधिकारों का हनन करता है।


कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा कि अंतिम रिपोर्ट का आना आवश्यक है, लेकिन संवेदनशील जानकारी की पूरी तरह से खुली पहुंच उचित नहीं होगी। अदालत ने कहा कि गोपनीयता बनाए रखना आवश्यक है ताकि प्रतिस्पर्धी एयरलाइंस इसका दुरुपयोग न कर सकें और संबंधित व्यक्तियों की गरिमा सुरक्षित रहे। हालांकि, अदालत ने नोटिस केवल इस पहलू तक सीमित रखा कि जांच स्वतंत्र, निष्पक्ष और समयबद्ध हो।


दुर्घटना का दुखद विवरण

12 जून को एयर इंडिया का बोइंग 787-8 विमान (फ्लाइट एआई171) अहमदाबाद से लंदन गैटविक के लिए उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह विमान एक मेडिकल हॉस्टल कॉम्प्लेक्स पर गिरा। इस दर्दनाक हादसे में 265 लोगों की जान गई, जिनमें 241 यात्री और 12 क्रू सदस्य शामिल थे। मृतकों में 169 भारतीय, 52 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली, 1 कनाडाई और अन्य यात्री थे। इस हादसे का एकमात्र जीवित बचे व्यक्ति 29 वर्षीय ब्रिटिश नागरिक विश्वकुमार रमेश थे।