Newzfatafatlogo

सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के धन को बैंक बचाने के लिए उपयोग करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने स्पष्ट किया है कि मंदिर का धन भगवान का है और इसे सहकारी बैंकों को बचाने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। इस टिप्पणी के तहत, कोर्ट ने केरल हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया। जानें इस मामले में और क्या हुआ और बैंकों को क्या निर्देश दिए गए।
 | 
सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के धन को बैंक बचाने के लिए उपयोग करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट की महत्वपूर्ण टिप्पणी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि मंदिर का धन भगवान का है। उन्होंने सुनवाई के दौरान स्पष्ट किया कि इस धन का उपयोग संकट में फंसे सहकारी बैंकों को सहायता देने के लिए नहीं किया जा सकता। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच ने यह टिप्पणी कुछ सहकारी बैंकों की अपीलों पर सुनवाई करते समय की। इन अपीलों में केरल हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें बैंकों को थिरुनेली मंदिर के लिए जमा की गई राशि वापस करने का निर्देश दिया गया था।


सीजेआई सूर्यकांत ने सवाल उठाया कि क्या आप मंदिर के धन का उपयोग बैंक को बचाने के लिए करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि यह निर्देश देना गलत नहीं है कि मंदिर का धन केवल मंदिर के हितों के लिए सुरक्षित और उपयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस धन को किसी स्वस्थ राष्ट्रीयकृत बैंक में जमा किया जाना चाहिए, जो अधिक ब्याज दे सके। सीजेआई ने स्पष्ट किया कि मंदिर का धन केवल देवता का है और इसे किसी सहकारी बैंक के लिए आय का स्रोत नहीं बनाया जा सकता।


हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ याचिकाएं मनंतवाडी को-ऑपरेटिव अर्बन सोसाइटी लिमिटेड और थिरुनेली सर्विस कोऑपरेटिव बैंक लिमिटेड ने दायर की थीं। हाई कोर्ट ने पांच सहकारी बैंकों को देवस्वोम के फिक्स्ड डिपॉजिट को बंद करने और दो महीने के भीतर पूरी राशि वापस करने का निर्देश दिया था, क्योंकि बैंकों ने मैच्योर डिपॉजिट जारी करने से बार-बार मना कर दिया था। बेंच ने बैंकों की इस बात से सहमति नहीं जताई कि हाई कोर्ट के अचानक दिए गए निर्देशों से उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।


बेंच ने कहा कि बैंकों को ग्राहकों के बीच अपनी विश्वसनीयता स्थापित करनी चाहिए। उसने कहा कि यदि आप ग्राहक और डिपॉजिट नहीं ला पा रहे हैं, तो यह आपकी समस्या है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाओं पर विचार करने से इनकार कर दिया, लेकिन बैंकों को विवादित आदेश का पालन करने के लिए हाई कोर्ट जाने की अनुमति दी।