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सेबी ने डीएचएफएल के पूर्व अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं के लिए प्रतिबंध लगाया

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड के पूर्व अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं के आरोप में पांच साल का प्रतिबंध लगाया है। इस निर्णय में कपिल वधावन, धीरज वधावन, और अन्य शामिल हैं। सेबी ने इन पर कुल 120 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और जुर्माने की राशि के बारे में।
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सेबी ने डीएचएफएल के पूर्व अधिकारियों पर वित्तीय अनियमितताओं के लिए प्रतिबंध लगाया

सेबी का निर्णय

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 'दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड' (डीएचएफएल) के पूर्व अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कपिल वधावन, पूर्व निदेशक धीरज वधावन, और चार अन्य व्यक्तियों को वित्तीय अनियमितताओं, धन के दुरुपयोग, और खातों में हेराफेरी के आरोप में प्रतिभूति बाजार से पांच साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया है।


प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची

सेबी द्वारा प्रतिबंधित अन्य व्यक्तियों में राकेश वधावन (गैर-कार्यकारी अध्यक्ष), सारंग वधावन (पूर्व गैर-कार्यकारी निदेशक), हर्षिल मेहता (संयुक्त प्रबंध निदेशक और सीईओ), और संतोष शर्मा (पूर्व सीएफओ) शामिल हैं। इसके अलावा, सेबी ने इन छह व्यक्तियों पर कुल 120 करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया है।


प्रतिबंध की अवधि

सेबी के आदेश के अनुसार, कपिल वधावन और धीरज वधावन पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया गया है, जबकि राकेश वधावन और सारंग वधावन पर चार साल का प्रतिबंध है। हर्षिल मेहता और संतोष शर्मा पर तीन साल का प्रतिबंध लगाया गया है। इस अवधि के दौरान, ये सभी प्रतिभूति बाजार में कोई लेन-देन नहीं कर सकेंगे और सूचीबद्ध कंपनियों या पंजीकृत मध्यस्थों में किसी भी पद पर कार्य नहीं कर सकेंगे।


जुर्माना

कपिल वधावन और धीरज वधावन पर 27-27 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। राकेश वधावन और सारंग वधावन पर 20.75-20.75 करोड़ रुपये का जुर्माना है। हर्षिल मेहता को 11.75 करोड़ रुपये और संतोष शर्मा को 12.75 करोड़ रुपये का जुर्माना भरना होगा।