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सैफ अली खान की संपत्ति विवाद में नया मोड़: हाई कोर्ट का फैसला

सैफ अली खान की संपत्ति विवाद में नया मोड़ आया है, जब मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया। इस फैसले के बाद सैफ अली खान, उनकी मां और बहनों को भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति का उत्तराधिकारी माना गया था। जानें इस विवाद की जड़ें और शत्रु संपत्ति के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी।
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सैफ अली खान की संपत्ति विवाद में नया मोड़: हाई कोर्ट का फैसला

सैफ अली खान की संपत्ति विवाद का नया मोड़

सैफ अली खान की संपत्ति विवाद: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नवाब परिवार की संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। हाल ही में इस मामले में एक महत्वपूर्ण विकास हुआ है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने संपत्ति विवाद से संबंधित ट्रायल कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है। इस आदेश में अभिनेता सैफ अली खान, उनकी मां शर्मिला टैगोर, और बहनें सोहा और सबा अली खान को भोपाल के नवाब हमीदुल्लाह खान की संपत्ति का उत्तराधिकारी माना गया था। अब उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद इस मामले की नई सुनवाई होगी।


शत्रु संपत्ति क्या होती है?

इस विवाद का मुख्य बिंदु शत्रु संपत्ति है। सैफ अली खान की मुश्किलें इस संपत्ति के कारण बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं। भारत सरकार ने भोपाल में स्थित उनकी कई पुश्तैनी संपत्तियों को शत्रु संपत्ति के रूप में घोषित कर दिया है, जिससे उनकी 15,000 की संपत्ति संकट में पड़ गई है।


इंदिरा गांधी का निर्णय

इंदिरा गांधी ने क्यों लिया ऐसा फैसला? शत्रु संपत्ति उन संपत्तियों को कहा जाता है जो विभाजन के बाद पाकिस्तान चले गए लोगों की होती हैं। 1965 के भारत-पाक युद्ध के बाद, भारत सरकार ने 1968 में शत्रु संपत्ति अधिनियम लागू किया। इसके तहत ऐसी संपत्तियां कस्टोडियन ऑफ एनेमी प्रॉपर्टी नामक संस्था के पास चली गईं। यह कानून इंदिरा गांधी के शासन में लागू हुआ था। 1965 के युद्ध के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच ताशकंद समझौता हुआ, जिसके बाद भारत ने जब्त की गई संपत्तियों को लौटाने पर विचार किया। लेकिन 1971 में पाकिस्तान ने इन संपत्तियों को नष्ट कर दिया, जिससे भारत ने यह विचार छोड़ दिया।


सैफ अली खान का संपत्ति विवाद

क्या है सैफ अली खान संपत्ति विवाद? सैफ अली खान की मौसेरी नानी और भोपाल नवाब हमीदुल्लाह खान की बेटी अबिदा सुल्तान भारत के विभाजन के बाद 1945 में पाकिस्तान चली गई थीं। उन्होंने वहां की नागरिकता ले ली, जबकि उनकी बहन साजिदा सुल्तान ने भारत में रहने का निर्णय लिया। सैफ अली खान उन्हीं के वंशज हैं। इसी कारण से सरकार ने उनकी संपत्ति को 2014 में शत्रु संपत्ति घोषित किया। सैफ अली खान ने 2015 में कोर्ट का रुख किया, जिसमें फैसला उनके पक्ष में आया था। लेकिन 13 दिसंबर 2024 को उच्च न्यायालय ने वह स्टे हटा दिया, जिससे अब यह संपत्तियां शत्रु संपत्ति के दायरे में आ गई हैं।