स्ट्रेस प्रबंधन के लिए आर्ट थेरेपी: सोनाक्षी सिन्हा का अनुभव
स्ट्रेस और आर्ट थेरेपी
आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। हर किसी के जीवन में तनाव का सामना करना पड़ता है। लोग तनाव को कम करने के लिए योग या मेडिटेशन का सहारा लेते हैं, जबकि कुछ अपनी रचनात्मकता में शांति खोजते हैं। हाल ही में एक साक्षात्कार में, बॉलीवुड अभिनेत्री सोनाक्षी सिन्हा ने साझा किया कि उनके लिए पेंटिंग केवल एक शौक नहीं, बल्कि एक प्रकार की आर्ट थेरेपी है। उन्होंने बताया कि जब भी वह उदास महसूस करती थीं, तो पेंटिंग करना शुरू कर देती थीं, जिससे उनका मन पूरी तरह से शांत हो जाता था। उन्हें ऐसा लगता था जैसे वह किसी दूसरी दुनिया में चली गई हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अपने पति से मिलने के बाद उन्होंने पेंटिंग करना छोड़ दिया, लेकिन उनके पति जहीर इकबाल उन्हें बार-बार याद दिलाते हैं कि उन्हें फिर से पेंटिंग करनी चाहिए, क्योंकि यही उनकी असली थेरेपी है.
आर्ट थेरेपी क्या है?
आर्ट थेरेपी एक उपचारात्मक प्रक्रिया है, जिसमें कला के माध्यम से भावनाओं को व्यक्त किया जाता है। यह केवल कलाकारों के लिए नहीं है; आर्ट का उद्देश्य परफेक्शन नहीं, बल्कि निर्माण की प्रक्रिया है। आप अपने तनाव को कम करने के लिए रंगों के साथ खेल सकते हैं या कुछ लिख सकते हैं, जो आपके मन के बोझ को हल्का करता है.
आर्ट थेरेपी के लाभ
- तनाव और चिंता को कम करता है।
- आघात को संभालने में मदद करता है।
- मानसिक विश्राम प्रदान करता है।
- आत्म-साक्षात्कार को बढ़ावा देता है।
- भावनाओं को व्यक्त करने का अवसर देता है।
आर्ट थेरेपी कैसे की जाती है?
- ड्रॉइंग और स्केचिंग।
- पॉटरी।
- कोलाज और मिश्रित मीडिया।
- पेंटिंग।
किसके लिए फायदेमंद है?
- बच्चों और किशोरों के लिए।
- युवाओं और बुजुर्गों के लिए।
- अवसाद और चिंता से ग्रस्त लोगों के लिए।
- तनाव या बर्नआउट का सामना कर रहे व्यक्तियों के लिए।
आर्ट थेरेपी तनाव को कैसे कम करती है?
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, आर्ट थेरेपी शरीर और मन के बीच संतुलन स्थापित करके तनाव को कम करने में सहायक होती है। पारंपरिक 'टॉक थेरेपी' के विपरीत, इसमें शब्दों की बजाय भावनाओं की अभिव्यक्ति पर ध्यान केंद्रित किया जाता है। जब कोई व्यक्ति आर्ट बनाता है, तो उसका ध्यान अपनी चिंताओं से हटकर उस आर्ट पर केंद्रित होता है, जिससे मानसिक शांति मिलती है।
मन को सुकून देने वाली प्रक्रिया
आर्ट थेरेपी न केवल मूड को बेहतर बनाती है, बल्कि नींद, ध्यान और भावनात्मक संतुलन को भी सुधारने में मदद करती है। यह व्यक्ति को अपनी रचनात्मकता से जोड़ती है और दिमाग में डोपामाइन जैसे फील-गुड हार्मोन को रिलीज करती है, जो तनाव और उदासी को कम करता है।
