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स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश

लखनऊ में स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। रामपुर की सीएमओ डॉ. दीपा सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं, जबकि कन्नौज के सीएमओ पर भी टेंडर में अनियमितताओं की जांच की जाएगी। जानें इस मामले में क्या हुआ और आगे की कार्रवाई क्या होगी।
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स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई, डिप्टी सीएम ने दिए निर्देश

भ्रष्टाचार के आरोपों में कार्रवाई का आदेश

लखनऊ। रामपुर की मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. दीपा सिंह पर भ्रष्टाचार और अनैतिकता के गंभीर आरोप लगे हैं। बागपत में उनकी तैनाती के दौरान जिला मजिस्ट्रेट ने उनके निलंबन की सिफारिश की थी, लेकिन इसके बावजूद उन्हें रामपुर का सीएमओ नियुक्त किया गया। अब, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में विभागीय कार्रवाई के लिए निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही, कन्नौज के सीएमओ पर भी टेंडर में भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच के आदेश दिए गए हैं।

डिप्टी सीएम ने सोशल मीडिया के माध्यम से इस कार्रवाई की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि रामपुर के सीएमओ पर बागपत में अपर मुख्य चिकित्साधिकारी के रूप में कार्य करते समय पीसीपीएनडीटी अधिनियम का दुरुपयोग करने और अल्ट्रासाउंड केंद्रों में अनियमितताओं को बढ़ावा देने के आरोपों की जांच कराई जाएगी। यह मामला पहले से ही चर्चा में था और इसकी शिकायत डिप्टी सीएम से लेकर प्रमुख सचिव तक की गई थी। अब, डिप्टी सीएम ने इस पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

इसके अलावा, डिप्टी सीएम ने कन्नौज के सीएमओ द्वारा टेंडर और खरीद में वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का संज्ञान लिया है। उन्होंने इन आरोपों की जांच कराने और विभागीय कार्रवाई के लिए निर्देश दिए हैं।

डिप्टी सीएम ने चिकित्सा अधीक्षक का स्थानांतरण सीएचसी जगदीशपुर, अमेठी से सीएचसी मुसाफिरखाना पर करने के बाद कार्यभार ग्रहण न करने पर अनुशासनिक कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं। इसके साथ ही, चित्रकूट के सीएमओ से उनके मुख्यालय से अनुपस्थित रहने और सरकारी दायित्वों में लापरवाही बरतने के लिए स्पष्टीकरण मांगा गया है।

श्रावस्ती में तैनात एक वरिष्ठ चिकित्साधिकारी पर महोबा में प्राइवेट प्रैक्टिस करने और मेडिकल स्टोर संचालकों से सांठगांठ करने के आरोप लगे हैं। जांच में आरोप सही पाए जाने पर उनकी तीन वेतन वृद्धियां स्थायी रूप से रोकने और निजी प्रैक्टिस के लिए वसूली करने के निर्देश दिए गए हैं।