स्वास्थ्यकर्मियों ने बुखार पीड़ितों के लिए रक्त पट्टिकाएं तैयार कीं
ग्रामीणों को मौसमी बीमारियों के प्रति जागरूक किया गया
- ग्रामीणों को मौसमी बीमारियों को लेकर जागरूक किया
जींद। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र खरकरामजी के अंतर्गत निडानी गांव में स्वास्थ्य सुपरवाइजर तेजबीर सिंह और ब्लॉक एजुकेटर महेंद्र सिंह के नेतृत्व में स्वास्थ्यकर्मियों ने गांव में सर्वेक्षण किया। इस दौरान बुखार पीड़ितों के रक्त पट्टिकाएं तैयार की गईं और टंकी, कूलर, होदी, ड्रम, और फ्रिज के पीछे मच्छर के लार्वा की जांच की गई। ग्रामीणों को मच्छर जनित बीमारियों के बारे में जानकारी देने के लिए पम्पलेट भी वितरित किए गए। स्वास्थ्य सुपरवाइजर तेजबीर सिंह ने ग्रामीणों से अपील की कि डेंगू को समाप्त करने के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए।
स्वच्छता को प्राथमिकता दें
डेंगू को समय पर पहचान कर और रोकथाम के उपाय अपनाकर हम न केवल अपनी बल्कि पूरे समुदाय की सुरक्षा कर सकते हैं। स्वच्छता को प्राथमिकता दें, जानकारी साझा करें और अपने आस-पास के लोगों को भी जागरूक करें। एकजुट होकर ही हम डेंगू मुक्त भारत का सपना साकार कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि डेंगू बुखार संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है, जो दिन के समय सक्रिय रहता है। यह मच्छर साफ पानी में अपने जीवन चक्र को पूरा करता है।
डेंगू के लक्षणों में अचानक तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द, और आंखों के पीछे दर्द शामिल हैं। उन्होंने मौसमी बीमारियों से बचाव के उपाय बताते हुए कहा कि हर रविवार को अपने घर में सूखा दिवस मनाएं और सभी पानी के बर्तनों, कूलर, टंकी, फ्रीज, और गमलों को खाली करके सुखाएं।
घरों के आसपास गड्ढों को मिट्टी से भरवा लें
क्योंकि बीमारी फैलाने वाला मच्छर इन्हीं स्थानों पर जमा हुए साफ पानी में पनपता है। बचाव के उपायों के बारे में जागरूक करते हुए कहा गया कि घरों के आसपास गड्ढों को मिट्टी से भरवा लें। अपने कूलर और अन्य पानी से भरे बर्तनों को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करें और उन्हें अच्छी तरह से साफ करें। शरीर को ढककर रखें और मच्छररोधी दवा या क्रीम का उपयोग करें। पूरी बाजू के कपड़े पहनें और छतों पर रखी पानी की टंकियों को ढक्कन लगाकर बंद रखें।
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