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हरदीप छिल्लर ने जीता गोल्ड मेडल: कुश्ती में भारत का नया सितारा

हरदीप छिल्लर ने एथेंस में ग्रीको रोमन U-17 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में 110 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया है। मात्र 16 वर्ष की आयु में, हरदीप ने कठिनाइयों का सामना करते हुए यह उपलब्धि हासिल की। उनकी प्रेरणादायक कहानी और तकनीक ने उन्हें इस मुकाम तक पहुँचाया है। जानें कैसे हरदीप ने फाइनल में शानदार वापसी की और अपनी मेहनत से इतिहास रचा।
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हरदीप छिल्लर ने जीता गोल्ड मेडल: कुश्ती में भारत का नया सितारा

हरदीप छिल्लर का ऐतिहासिक गोल्ड मेडल

हरदीप छिल्लर ने एथेंस में ग्रीको रोमन U-17 वर्ल्ड कुश्ती चैंपियनशिप में 110 किलोग्राम भारवर्ग में स्वर्ण पदक जीतकर भारत के लिए एक नया इतिहास रच दिया है। झज्जर जिले के मंडोठी गांव के 16 वर्षीय पहलवान ने इस प्रतियोगिता में भारत का पहला गोल्ड मेडल हासिल किया।


फाइनल में शानदार वापसी

फाइनल मुकाबले में हरदीप का सामना ईरान के पहलवान से हुआ। पहले हाफ में 0-3 से पीछे रहने के बावजूद, उन्होंने शानदार वापसी की। उन्होंने डक अंडर तकनीक का उपयोग करते हुए स्कोर बराबर किया और तकनीकी आधार पर जीत हासिल की। यह तकनीक कुश्ती में बेहद चतुराई से अपनाई जाती है, जिसमें पहलवान अपने प्रतिद्वंद्वी की पीठ की ओर पहुंचकर अंक प्राप्त करता है।


हरदीप की प्रेरणादायक कहानी

हरदीप की कहानी केवल खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संघर्ष और जज्बे की मिसाल भी है। मात्र 5 वर्ष की आयु में एक सड़क दुर्घटना में अपने माता-पिता को खोने के बाद, उनके चाचा और भाई ने उन्हें पाला और कुश्ती में करियर बनाने के लिए अपनी जमीन तक बेच दी। मंडोठी गांव, जो कभी विवादों में रहा है, अब हरदीप की उपलब्धियों पर गर्व महसूस कर रहा है।


भारत को मिला नया चैंपियन

हरदीप की जीत केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि यह भारत के लिए गर्व का विषय है। उनकी तकनीक, आत्मविश्वास और संघर्ष की कहानी युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा देती है। हरदीप छिल्लर अब उन खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का नाम रोशन किया है। उनकी सफलता हरियाणा की कुश्ती परंपरा को और मजबूत बनाती है।