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हरिद्वार अस्पताल में गर्भवती महिला की अमानवीय स्थिति: फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

हरिद्वार के एक अस्पताल में गर्भवती महिला को भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके चलते उसे फर्श पर बच्चे को जन्म देना पड़ा। यह घटना कैमरे में कैद हो गई और सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे लोगों में आक्रोश फैल गया। महिला के परिजनों ने आरोप लगाया कि अस्पताल के स्टाफ ने उनकी मदद नहीं की। इस मामले की जांच के आदेश दिए गए हैं और संबंधित डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। जानें इस घटना के बारे में और क्या हुआ।
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हरिद्वार अस्पताल में गर्भवती महिला की अमानवीय स्थिति: फर्श पर दिया बच्चे को जन्म

हरिद्वार अस्पताल की चौंकाने वाली घटना

हरिद्वार अस्पताल का मामला: हरिद्वार से एक अत्यंत चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया है। यहां एक गर्भवती महिला को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया गया, जिसके कारण उसे मजबूरन फर्श पर बच्चे को जन्म देना पड़ा। यह पूरा घटनाक्रम कैमरे में कैद हो गया और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही हंगामा मच गया।


जानकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार की रात की है। महिला गंभीर प्रसव पीड़ा के साथ अपने परिजनों के साथ अस्पताल पहुंची, लेकिन वहां मौजूद डॉक्टर और स्टाफ ने उसे भर्ती करने से साफ मना कर दिया। नतीजतन, महिला को घंटों तक फर्श पर तड़पना पड़ा और अंततः उसने सबके सामने बच्चे को जन्म दिया। इस दौरान न तो डॉक्टर और न ही नर्सिंग स्टाफ उसके पास आया।




वीडियो ने बढ़ाया गुस्सा

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि महिला दर्द से कराहते हुए फर्श पर लेटी है और उसके साथ केवल एक बुजुर्ग रिश्तेदार मौजूद है। अस्पताल का कोई भी कर्मचारी उसकी मदद के लिए आगे नहीं आया। इस घटना ने लोगों में गुस्सा और आक्रोश पैदा कर दिया है।


रिश्तेदारों का आरोप

महिला के परिवार का कहना है कि वह रात करीब 9:30 बजे अस्पताल पहुंची थी, लेकिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने कहा कि यहां डिलीवरी नहीं होती। परिवार के अनुसार, महिला को रात भर दर्द सहना पड़ा और अंततः उसने लगभग 1:30 बजे बच्चे को जन्म दिया।


परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि डिलीवरी के बाद एक नर्स ने ताना मारते हुए कहा – "मजा आया? और बच्चा पैदा करेगी?" इस बयान ने परिजनों को और आक्रोशित कर दिया। रिश्तेदार सोनी ने कहा, "उन्होंने उसे बिस्तर पर लेटने तक नहीं दिया। अगर बच्चे को कुछ हो जाता तो जिम्मेदारी कौन लेता?"


प्रशासन की कार्रवाई

घटना के बाद हरिद्वार के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) डॉ आरके सिंह ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, "मैंने महिला अस्पताल से प्रारंभिक रिपोर्ट ली है और विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार कर रहा हूं। महिला को रात 9:30 बजे लाया गया और 1:30 बजे आपातकालीन कक्ष में प्रसव हुआ। वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है। अगर लापरवाही पाई जाती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"


सीएमओ ने यह भी पुष्टि की कि ड्यूटी पर तैनात संविदा डॉक्टर डॉ सोनाली की सेवा समाप्त कर दी गई है। इसके अलावा, ड्यूटी पर मौजूद दो नर्सों को नोटिस जारी किया गया है।