Newzfatafatlogo

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के बाद भारी गंदगी, सफाई अभियान जारी

हरिद्वार में श्रावण महीने की कांवड़ यात्रा के दौरान लगभग साढ़े चार करोड़ श्रद्धालुओं ने भारी मात्रा में गंदगी छोड़ी। नगर निगम ने सफाई के लिए युद्ध स्तर पर अभियान शुरू किया है, जिसमें 1,000 अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती की गई है। गंगा घाटों की सफाई के लिए विशेष महाअभियान चलाया जा रहा है, लेकिन शहर के अंदरूनी हिस्सों की स्थिति भी चिंताजनक है। एनजीटी के आदेशों की अवहेलना भी सामने आई है, जिससे स्थिति और बिगड़ गई है।
 | 
हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के बाद भारी गंदगी, सफाई अभियान जारी

हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान गंदगी का ढेर

श्रावण महीने की पवित्र कांवड़ यात्रा के दौरान हरिद्वार में गंगाजल लेने आए लगभग साढ़े चार करोड़ कांवड़ यात्रियों ने भारी मात्रा में गंदगी छोड़ दी। नगर निगम के अनुसार, इस दौरान करीब 10 हजार मीट्रिक टन कूड़ा हरिद्वार में इकट्ठा हुआ, जिसे साफ करने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। सफाई के लिए नगर निगम ने तेजी से अभियान शुरू किया है।


गंगा घाटों की सफाई के लिए विशेष अभियान

गंगा घाटों की सफाई के लिए एक विशेष महाअभियान चलाया जा रहा है। प्रशासन ने चार नोडल अधिकारियों और 11 मुख्य सफाई निरीक्षकों की नियुक्ति की है, जिन्हें विभिन्न घाटों की सफाई की जिम्मेदारी सौंपी गई है। संध्या गंगा आरती से पहले सुभाष घाट, नाई सोता, बिरला घाट और कांगड़ा पुल जैसे प्रमुख घाटों की सफाई पूरी कर ली गई है, जबकि अन्य घाटों की सफाई कार्य गुरुवार सुबह तक पूरी करने का दावा किया गया है।


कूड़े की मात्रा में वृद्धि

नगर आयुक्त नंदन कुमार के अनुसार, श्रावण कांवड़ मेले की शुरुआत से अब तक प्रतिदिन औसतन 600 से 700 मीट्रिक टन कूड़ा एकत्र किया गया है। 19 जुलाई से डाक कांवड़ के शुरू होने के बाद यह आंकड़ा प्रतिदिन 1000 से 1200 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जबकि सामान्य दिनों में शहर से केवल 250-300 मीट्रिक टन कूड़ा निकलता है।


सफाई के लिए अतिरिक्त कर्मियों की तैनाती

सफाई कार्य के लिए नगर निगम ने 1,000 अतिरिक्त सफाईकर्मियों की तैनाती की है। सफाई कार्य में 15 ट्रैक्टर ट्रालियां, तीन लोडर, तीन टिपर और आठ सीएनजी वाहन शामिल किए गए हैं। हरकी पैड़ी क्षेत्र से सबसे अधिक कूड़ा उठाया गया है, जिसमें प्लास्टिक की बोतलें, पन्नी, कपड़े, और जूते-चप्पल जैसी चीजें शामिल हैं।


शहर के अंदरूनी हिस्सों की सफाई की स्थिति

हालांकि, यह समस्या केवल घाटों तक सीमित नहीं रही। शहर के अंदरूनी हिस्सों की स्थिति भी खराब रही। ज्वालापुर रेलवे रोड और पीपलान मोहल्ला के ट्रांसफर स्टेशन पर भी दोपहर तक गंदगी के ढेर लगे हुए थे।


एनजीटी के आदेशों की अवहेलना

इस बीच, एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के आदेशों की अवहेलना भी देखने को मिली। हरिद्वार में प्लास्टिक पर प्रतिबंध के बावजूद घाटों पर प्लास्टिक कैन, पन्नी, और पालीथिन की चटाई जैसी चीजें खुलेआम बिकती रहीं। रोड़ीबेलवाला और पंतद्वीप क्षेत्र में अस्थायी दुकानों पर प्लास्टिक उत्पाद धड़ल्ले से बिकते रहे, लेकिन पुलिस प्रशासन की कार्रवाई सीमित रही। हरकी पैड़ी से लेकर कनखल, भूपतवाला, पंतद्वीप और ऋषिकुल मैदान तक गंदगी और बदबू फैली रही। जगह-जगह खुले में शौच की वजह से हालात और भी बिगड़ गए।