Newzfatafatlogo

हरिद्वार में सावन के दौरान कांवड़ियों की जान बचाने में एसडीआरएफ की बहादुरी

हरिद्वार में सावन के महीने में कांवड़ियों की सुरक्षा के लिए एसडीआरएफ की टीम ने अद्वितीय साहस का प्रदर्शन किया। हाल ही में, गंगा में डूबते कांवड़ियों को बचाने के लिए उनकी तत्परता ने कई जानें बचाईं। जानें कैसे एसडीआरएफ ने इन घटनाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की।
 | 
हरिद्वार में सावन के दौरान कांवड़ियों की जान बचाने में एसडीआरएफ की बहादुरी

हरिद्वार में श्रद्धालुओं की सुरक्षा

सावन के महीने में हरिद्वार की घाटियां भक्तों से भरी रहती हैं। भगवान शिव के अनुयायी कांवड़िए देशभर से यहां आते हैं और गंगाजल लेने से पहले स्नान करते हैं। हालांकि, गंगा का तेज बहाव कई बार जानलेवा हो सकता है। हाल ही में हरिद्वार में कुछ ऐसी घटनाएं हुईं, जहां एसडीआरएफ की टीम ने बहादुरी से डूबते कांवड़ियों को बचाया।


पहली घटना: चमगादड़ टापू क्षेत्र

पहली घटना हरिद्वार के चमगादड़ टापू क्षेत्र की है। आज सुबह, दिल्ली के रोहिणी से आए तीन कांवड़िए गंगा में स्नान कर रहे थे, तभी वे अचानक तेज बहाव में बहने लगे। घाट पर तैनात एसडीआरएफ की टीम ने स्थिति को गंभीरता से लिया और तुरंत गंगा में कूद पड़े। कुछ ही मिनटों में, तीनों कांवड़ियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया। इस त्वरित कार्रवाई ने उनकी जान बचाई।


दूसरी घटना: प्रेम नगर घाट पर बचाव

दूसरी घटना प्रेम नगर आश्रम घाट की है। यहां एसडीआरएफ की डीप डाइविंग टीम गश्त पर थी, तभी उन्होंने एक श्रद्धालु को गंगा में डूबते देखा। बिना समय गंवाए, कॉन्स्टेबल नवीन कुमार और सागर कुमार ने गहरे पानी में उतरकर युवक को बचाया। युवक की पहचान उत्तर प्रदेश के बरेली निवासी के रूप में हुई है, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया।


एसडीआरएफ की तत्परता


पिछले साल भी कई जानें बचाई गईं

हरिद्वार में सावन के दौरान गंगा स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए हैं। घाटों पर एसडीआरएफ, जल पुलिस और पीएसी की टीमें चौबीसों घंटे तैनात हैं। पिछले साल 2024 में भी एसडीआरएफ के जवानों ने 250 से अधिक कांवड़ियों की जान गंगा में डूबने से बचाई थी। इस साल भी जवान मुस्तैदी से ड्यूटी निभा रहे हैं और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित कर रहे हैं।