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हरियाणा ITI भर्ती: दूसरी वेटिंग लिस्ट का इंतजार जारी, उम्मीदवारों की चिंताएं बढ़ीं

हरियाणा ITI भर्ती की दूसरी वेटिंग लिस्ट का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। मुख्यमंत्री ने दूसरी लिस्ट जारी करने की अनुमति दी थी, लेकिन सात महीने बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है, जहां याचिकाकर्ताओं ने देरी को चुनौती दी है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और हाईकोर्ट में चल रही सुनवाई के बारे में।
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हरियाणा ITI भर्ती: दूसरी वेटिंग लिस्ट का इंतजार जारी, उम्मीदवारों की चिंताएं बढ़ीं

हरियाणा ITI भर्ती की स्थिति

हरियाणा ITI भर्ती: दूसरी वेटिंग लिस्ट का इंतजार जारी, उम्मीदवारों की चिंताएं बढ़ीं: हरियाणा ITI भर्ती की दूसरी वेटिंग लिस्ट को लेकर उम्मीदवारों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कौशल विकास एवं आईटीआई विभाग में 165 इंस्ट्रक्टर पदों के लिए दूसरी वेटिंग लिस्ट जारी करने की अनुमति दी थी। इसके बाद मुख्य सचिव ने विभाग को एक प्रस्ताव भेजा, जिसमें नौ श्रेणियों के पदों को शामिल किया गया।


हालांकि, विभाग ने हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) को पत्र लिखकर सूची जारी करने का अनुरोध किया था, लेकिन सात महीने बीत जाने के बाद भी कोई प्रगति नहीं हुई। यह मामला अब पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में पहुंच चुका है, जहां याचिकाकर्ताओं ने इस देरी को चुनौती दी है।


सरकार के पास अधिकार, फिर भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई?


हरियाणा सरकार के पास नियमों में संशोधन करने, नई वेटिंग लिस्ट जारी करने और उसकी वैधता बढ़ाने का पूरा अधिकार है। भर्ती एजेंसियों को इन्हीं नियमों के तहत कार्य करना होता है। याचिकाकर्ता की वकील श्रुति जैन गोयल ने बताया कि सरकार ने वेटिंग लिस्ट की वैधता 31 अक्टूबर 2025 तक बढ़ा दी है।


इसके बावजूद, कौशल विकास विभाग द्वारा 22 जनवरी 2025 को भेजे गए आग्रह पत्र पर HSSC की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। इससे यह सवाल उठता है कि जब सभी औपचारिकताएं पूरी हो चुकी हैं, तो सूची जारी करने में देरी क्यों हो रही है।


हाईकोर्ट में सुनवाई की उम्मीदें


दूसरी वेटिंग लिस्ट में नाम आने की उम्मीद रखने वाले सात उम्मीदवारों ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। एक सुनवाई पहले ही हो चुकी है और अगली सुनवाई 19 अगस्त 2025 को निर्धारित की गई है। इस सुनवाई में सरकारी वकील की ओर से HSSC का पक्ष रखा जाएगा।


यह मामला न केवल उम्मीदवारों के भविष्य से संबंधित है, बल्कि सरकारी भर्ती प्रक्रिया की पारदर्शिता और समयबद्धता पर भी सवाल उठाता है। यदि जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो यह मामला और अधिक गंभीर रूप ले सकता है।