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हरियाणा के IPS अधिकारी की आत्महत्या: मानसिक उत्पीड़न का मामला

हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने प्रशासनिक जगत में हलचल मचा दी है। उन्होंने मानसिक उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाते हुए एक सुसाइड नोट छोड़ा। उनकी पत्नी ने इस मामले में गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें सिस्टमेटिक उत्पीड़न का जिक्र है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे के कारण।
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हरियाणा के IPS अधिकारी की आत्महत्या: मानसिक उत्पीड़न का मामला

IPS अधिकारी की आत्महत्या का मामला

IPS अधिकारी की आत्महत्या: हरियाणा पुलिस के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या ने प्रशासनिक जगत में हलचल मचा दी है। मंगलवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-11 में स्थित उनके आवास के बेसमेंट में उन्होंने अपनी सर्विस रिवॉल्वर से आत्महत्या की। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और फॉरेंसिक टीम ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की। पूरन कुमार का शव गोली के घाव के साथ मिला और पोस्टमॉर्टम के बाद उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया।


इस घटना के पीछे पांच वर्षों से चल रहे मानसिक उत्पीड़न का मामला सामने आया है। पुलिस को घटनास्थल से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें पूरन कुमार ने 10 से 12 वरिष्ठ अधिकारियों के नाम लेते हुए जातिगत भेदभाव, मानसिक प्रताड़ना और सार्वजनिक अपमान का उल्लेख किया है। उन्होंने लिखा कि यह सब कुछ सहन करना असंभव हो गया था। वे अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से थे और प्रमोशन, पोस्टिंग और अन्य सुविधाओं में भेदभाव का शिकार रहे।


IPS अधिकारी की पत्नी ने आरोप लगाए


पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार, जो स्वयं एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, ने चंडीगढ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। वे उस समय जापान में हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के साथ थीं। शिकायत में उन्होंने कहा, 'यह कोई साधारण आत्महत्या नहीं है, बल्कि यह सिस्टमेटिक उत्पीड़न का परिणाम है। मेरे पति को एससी समुदाय के अधिकारी होने के कारण शक्तिशाली वरिष्ठों ने मानसिक रूप से तोड़ा।'


पहले भी रहे चर्चा में


उन्होंने डीजीपी सत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक के एसपी नरेंद्र बिजरनिया के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज करने की मांग की। इसके साथ ही, उन्होंने दोनों अधिकारियों की तत्काल गिरफ्तारी की भी अपील की। इस मामले में एक रिश्वत कांड भी शामिल है। पूरन कुमार हाल ही में रोहतक रेंज के आईजी से ट्रांसफर होकर रोहतक के सुन्नरिया जेल ट्रेनिंग सेंटर भेजे गए थे।


2033 में रिटायर होने वाले थे पूरन कुमार


ऑडियो-वीडियो सबूत भी मिले हैं। हालांकि पूरन कुमार का नाम एफआईआर में आया, लेकिन इसे ऑनलाइन अपलोड नहीं किया गया। 19 मई 1973 को जन्मे पूरन कुमार 2033 में रिटायर होने वाले थे। उन्होंने पहले भी प्रमोशन में अनियमितताओं और एससी अधिकारियों के साथ भेदभाव पर मुख्यमंत्री को कई पत्र लिखे थे।