हरियाणा पुलिस की मानवता: युवांश के इलाज के लिए 14.50 करोड़ रुपये का सहयोग

युवांश इलाज सहायता: हरियाणा पुलिस की प्रेरणादायक पहल
युवांश इलाज सहायता: हरियाणा पुलिस का मानवीय उदाहरण, 14.50 करोड़ रुपये का इंजेक्शन: हिसार में आठ महीने का बच्चा युवांश स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 (Spinal Muscular Atrophy) जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहा है। उसकी जान बचाने के लिए 14.50 करोड़ रुपये का एक विशेष इंजेक्शन आवश्यक है।
इस कठिन समय में हरियाणा के छह जिलों की पुलिस ने मदद का हाथ बढ़ाया है। पुलिसकर्मियों ने अपने एक दिन के वेतन को दान करने का निर्णय लिया है। यह घटना हरियाणा पुलिस की संवेदनशीलता और समाज के प्रति उनके योगदान का एक उदाहरण है। युवांश के माता-पिता और समुदाय की उम्मीद अब इस सहायता पर निर्भर है।
पुलिस की एकजुटता, समाज की उम्मीद
हरियाणा पुलिस ने युवांश के इलाज के लिए एकजुट होकर अद्भुत कार्य किया है। रोहतक, भिवानी, चरखी दादरी, कैथल, सिरसा, और फतेहाबाद के पुलिसकर्मी स्वेच्छा से अपना एक दिन का वेतन दान कर रहे हैं।
रोहतक के एडीजीपी वाई पूर्ण कुमार, कैथल की एसपी आस्था मोदी, और सिरसा के एसपी मयंक गुप्ता ने अपने अधीनस्थों को इस नेक कार्य के लिए प्रेरित किया। युवांश के पिता राजेश फतेहाबाद में कांस्टेबल हैं, और उनके सहकर्मी भी हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं। यह इंजेक्शन स्विट्जरलैंड से मंगवाया जाएगा, और पुलिस की यह पहल युवांश के जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन रही है।
युवांश की कहानी, समाज का सहयोग
हिसार के जाखोद खेड़ा गांव में राजेश और किरण का बेटा युवांश 9 अक्टूबर 2024 को जन्मा। दो महीने की उम्र में वह सामान्य बच्चों की तरह सक्रिय नहीं था। प्रारंभ में डॉक्टरों ने इसे सामान्य बताया, लेकिन बाद में स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी टाइप-1 का पता चला।
इस बीमारी का इलाज अत्यंत महंगा है। राजेश ने हरियाणा सरकार से भी सहायता मांगी है। फूड सप्लाई डिपार्टमेंट, जहां किरण क्लर्क हैं, भी सहयोग कर रहा है। सोशल मीडिया पर चलाए गए फंड जुटाने के अभियान ने 38 लाख रुपये इकट्ठा किए हैं। आदमपुर के विधायक चंद्रप्रकाश ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सहायता मांगी है।
एक मासूम की जिंदगी के लिए संघर्ष
युवांश इलाज सहायता की यह मुहिम अब पूरे हरियाणा में चर्चा का विषय बन गई है। 14.50 करोड़ रुपये का इंजेक्शन युवांश की जिंदगी का एकमात्र रास्ता है।
पुलिस, सरकारी कर्मचारी, और आम लोग इस मासूम को बचाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। सोशल मीडिया ने इस कहानी को दूर-दूर तक पहुंचाया है। राजेश और किरण का कहना है कि हर छोटी-बड़ी मदद उनके लिए महत्वपूर्ण है। यह कहानी न केवल युवांश की जिंदगी बचाने की कोशिश है, बल्कि समाज में एकता और मानवता की शक्ति को भी दर्शाती है।